उन्होंने जयललिता की मृत्यु की जांच की मांग से जुड़े सवालों का जवाब देते हुए संवाददाताओं से कहा कि एेसा कुछ नहीं है जैसा कुछ लोग कह रहे हैं। उन्होंने कहा कि जयललिता विभिन्न समस्याओं को लेकर दो महीने से अधिक समय तक चेन्नई के अस्पताल में भर्ती थी। दिल का दौरा पड़ने के बाद उनका निधन हो गया था।
विधानसभा में विपक्ष के नेता एम.के. स्टालिन के राष्ट्रपति से मिलने और नए सिरे से विश्वास मत परीक्षण कराने की मांग पर उन्होंने कहा कि जो कुछ भी हुआ उससे आप वाकिफ हैं। चूंकि यह मुद्दा अदालत में है इस पर टिप्पणी करना उचित नहीं है।
गौरतलब है कि राज्य की 234 सदस्यीय विधानसभा में पलानीस्वामी ने 18 फरवरी को हुए विश्वास मत को 11 के मुकाबले 122 वोटों से जीत हासिल की थी।