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मां अगले जन्म फिर अमिताभ ठाकुर ही पैदा करना, आईपीएस भाई के लिए छलका आईएएस भाई का दर्द

झारखंड के रहने वाले यूपी कैडर के आइजी रैंक के आइपीएस अधिकारी अमिताभ ठाकुर को सरकार ने जबरिया रिटायर (...
मां अगले जन्म फिर अमिताभ ठाकुर ही पैदा करना, आईपीएस भाई के लिए छलका आईएएस भाई का दर्द

झारखंड के रहने वाले यूपी कैडर के आइजी रैंक के आइपीएस अधिकारी अमिताभ ठाकुर को सरकार ने जबरिया रिटायर ( सीआरएस ) कराया तो छोटे भाई अविनाश का दर्द छलका। एक दिन पहले ही अपनी स्‍वर्गीय मां और आइपीएस भाई अमिताभ की तस्‍वीर लगाते हुए फेसबुक पर कविता पोस्‍ट किया। कविता में अपनी गर्व भरी पीड़ा उलीचते हुए लिखा कि मां, अगले जन्‍म में फिर अमिताभ पैदा करना। एक और पोस्‍ट किया... मेरे मित्रों ने पूछा कि मैंने ये कविता कैसे लिखी। शायद भगत सिंह जी की बात ही इसका उत्‍तर है। भगत सिंह की लाइन भी है .. मेरे जज्‍बातों से इस कदर वाकिफ कलम मेरी, मैं इश्‍क भी लिखना चाहता हूं तो इन्‍क्‍लाब लिखा जाता है।

मंत्री बने अपराधी को सलामी को लेकर अमिताभ ने सवाल उठाया था। और भी मौकों पर वे सरकार की आंखों में अंगुलियां डाल दिखाने वाली टिप्पिणियां करते थे जो सरकार को रास नहीं आता था। वे मुलायम सिंह यादव और अखिलेश यादव के काल में भी सिस्‍टम पर सवाल उठाते रहे है। अंतत: अनुशासनहीनता के आरोप में यूपी की योगी सरकार की सिफारिश पर केंद्र ने अमिताभ ठाकुर को अनिवार्य सेवा निवृत्ति दे दी। जबरिया रिटायर कराये जाने का अपने अंदाज में विरोध करते हुए अमिताभ ठाकुर ने लखनऊ के गोमती नगर वाले आवास के नेम प्‍लेट को अपने अंदाज में लिखवा डाला। नाम के नीचे आइपीएस कोष्‍ठक में जबरिया रिटायर्ड। अपनी तस्‍वीर के साथ नेमप्‍लेट वाली तस्‍वीर को भी ट्वीट किया जो सोशल मीडिया में वायरल है।

अमिताभ ठाकुर के छोटे भाई अविनाश झारखंड कैडर के आइएएस अधिकारी हैं और वर्तमान में ऊर्जा एवं समाज कल्‍याण विभाग के प्रधान सचिव का काम देख रहे हैं।

मूलत: बिहार के मुजफ्फरपुर के रहने वाले अविनाश की शिक्षा दीक्षा झारखण्‍ड के बोकारो केंद्रीय विद्यालय में हुई। उनके पिताजी यहीं बोकारो स्‍टील में इंजीनियर थे और डीजीएम के पद से रिटायर हुए जबकि मां केंद्रीय विद्यालय में शिक्षिका थीं। अमिताभ और अविनाश दोनों ने आइआइटी कानपुर से बीटेक किया। अमिताभ 1991 में आइपीएस बन गये तो अविनाश 1993 में आइएएस। मां अब नहीं हैं।

अविनाश की कविता
तुम शर्म मत करना, ना मर्म ही करना
करना ही हो तो, मां तुम गर्व करना
वह वही है, जिसको तुमने जन्‍म दिया
वह सही है जिसको तुमने वरण किया
वह नि:स्‍वार्थ अभी भी
वह यथार्थ है आपका ही
गिरेगा नहीं मो वो
मरेगा नहीं वो
लड़ेगा जरूर मां वो
झुकेगा नहीं वो
शालीनता उसकी कमजोरी नहीं
मसखरापन उसका पागलपन नहीं
सादगी उसकी गरीबी नहीं
हंसकर सह लेना उसका बालपन नहीं
मां, अगले जन्‍म में फिर
अमिताभ पैदा करना
भगवान हर घर में ऐसा नाज पैदा करना
नभ में सितारों के बीच मां
अपने इस विलक्षण पुत्र पर नाज करना।।

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