Advertisement

किसानों के पंजाब बंद से यातायात पूरी तरह से प्रभावित; रेल और बस सेवाएं भी स्थगित

पंजाब में कई स्थानों पर किसानों द्वारा आहूत 'बंद' के कारण जनजीवन प्रभावित हुआ। किसान अपनी फसलों के लिए...
किसानों के पंजाब बंद से यातायात पूरी तरह से प्रभावित; रेल और बस सेवाएं भी स्थगित

पंजाब में कई स्थानों पर किसानों द्वारा आहूत 'बंद' के कारण जनजीवन प्रभावित हुआ। किसान अपनी फसलों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य की कानूनी गारंटी की मांग को लेकर केंद्र के खिलाफ आंदोलन कर रहे हैं।

राज्य के कई स्थानों पर रेल और सड़क यातायात बाधित रहा और व्यावसायिक प्रतिष्ठान बंद रहे। किसानों ने बंद के आह्वान के तहत कई सड़कों पर धरना दिया, जिससे यातायात प्रभावित हुआ।

एमएसपी के लिए कानूनी गारंटी की किसानों की मांग पर केंद्र द्वारा कार्रवाई नहीं करने पर संयुक्त किसान मोर्चा (गैर-राजनीतिक) और किसान मजदूर मोर्चा द्वारा एक सप्ताह पहले बंद का आह्वान किया गया था।

बंद सुबह 7 बजे से शाम 4 बजे तक रहेगा। किसानों ने धारेरी जट्टन टोल प्लाजा पर धरना दिया, जिससे पटियाला-चंडीगढ़ राष्ट्रीय राजमार्ग पर वाहनों की आवाजाही प्रभावित हुई।

अमृतसर के गोल्डन गेट पर बड़ी संख्या में किसान शहर के प्रवेश द्वार के पास एकत्र होने लगे। बठिंडा के रामपुरा फूल में भी धरना दिया गया। किसान नेता सरवन सिंह पंधेर ने अमृतसर में संवाददाताओं से कहा कि आपातकालीन और अन्य आवश्यक सेवाओं को चालू रखा जाएगा।

उन्होंने कहा कि फ्लाइट पकड़ने, नौकरी के लिए इंटरव्यू देने या शादी में शामिल होने के लिए एयरपोर्ट आने वाले सभी लोगों को अनुमति दी जाएगी। पंधेर ने दावा किया, "सभी प्रतिष्ठान बंद हैं। पंजाबियों ने आज अपनी एकता दिखाई है और वे पूरा समर्थन दे रहे हैं।"

उन्होंने कहा, "हम सफल बंद देख रहे हैं। रेल सेवाएं भी पूरी तरह से स्थगित हैं और कोई भी रेलगाड़ी पंजाब में प्रवेश नहीं कर रही है।"

फगवाड़ा में किसानों ने एनएच-44 पर शुगरमिल क्रॉसिंग के पास धरना दिया और फगवाड़ा से नकोदर, होशियारपुर और नवांशहर की ओर जाने वाली सड़कों को जाम कर दिया। उन्होंने फगवाड़ा-बंगा रोड पर बेहराम टोल प्लाजा पर भी धरना दिया। 

कई जगहों पर अनाज मंडियां बंद रहीं। पंधेर ने दावा किया कि उनकी हड़ताल को ट्रांसपोर्टरों, कर्मचारी यूनियनों, व्यापारी संगठनों और धार्मिक निकायों का मजबूत समर्थन मिला है।

मोहाली जिले में बाजार सुनसान रहे और सड़कों पर यातायात भी कम ही दिखा। कई स्थानों पर सार्वजनिक परिवहन सड़कों से नदारद रहा, जबकि अधिकांश निजी बस ऑपरेटरों ने बंद के आह्वान के चलते अपनी सेवाएं निलंबित कर दीं।

रेलवे ने राज्य से गुजरने वाली कई रेलगाड़ियां रद्द कर दी हैं।

बंद का असर अंबाला समेत राज्य के कुछ पड़ोसी इलाकों में भी देखने को मिला। अंबाला से चंडीगढ़, मोहाली, पटियाला और पंजाब के अन्य नजदीकी शहरों में जाने वाले सैकड़ों दैनिक यात्रियों को बंद के कारण परेशानी का सामना करना पड़ा।

बसों ने अंबाला से चंडीगढ़ जाने के लिए वैकल्पिक मार्ग अपनाए क्योंकि उन्हें पंजाब से गुजरने वाले राष्ट्रीय राजमार्ग के एक हिस्से को पार करना था। संगीता, जो हर दिन अपने काम के लिए अंबाला से जीरकपुर आती-जाती हैं, हरियाणा के अंबाला कैंट में बस का इंतजार कर रही थीं।

उन्होंने बताया कि अंबाला से चंडीगढ़ की ओर जाने वाली सभी बसें बहुत भीड़भाड़ वाली थीं। चंडीगढ़ के विभिन्न कोचिंग सेंटरों में पढ़ने वाले कई बाहरी छात्रों को अपने गंतव्य तक पहुंचने में मुश्किलों का सामना करना पड़ा।

इस बीच, 70 वर्षीय किसान नेता जगजीत सिंह दल्लेवाल की भूख हड़ताल सोमवार को 35वें दिन में प्रवेश कर गई। दल्लेवाल ने अब तक चिकित्सा उपचार से इनकार कर दिया है। सैकड़ों किसान फसलों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) की कानूनी गारंटी की मांग को लेकर पंजाब-हरियाणा सीमा पर विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं।

दल्लेवाल ने पहले कहा था कि जब तक सरकार किसानों की मांगें नहीं मान लेती, वह अपना अनशन नहीं तोड़ेंगे।

सर्वोच्च न्यायालय ने पंजाब सरकार को दल्लेवाल को अस्पताल में स्थानांतरित करने के लिए राजी करने के लिए 31 दिसंबर तक का समय दिया है, साथ ही राज्य को आवश्यकता पड़ने पर केंद्र से सहायता लेने की स्वतंत्रता भी दी है।  

एसकेएम (गैर-राजनीतिक) और किसान मजदूर मोर्चा के बैनर तले किसान 13 फरवरी से पंजाब और हरियाणा के बीच शंभू और खनौरी सीमा पर डेरा डाले हुए हैं, जब सुरक्षा बलों ने उनके दिल्ली कूच को रोक दिया था।

101 किसानों के एक जत्थे ने 6 से 14 दिसंबर के बीच तीन बार पैदल दिल्ली तक मार्च करने का प्रयास किया, लेकिन हरियाणा के सुरक्षाकर्मियों ने उन्हें रोक दिया।

एमएसपी के अलावा, किसान कर्ज माफी, पेंशन, बिजली दरों में बढ़ोतरी नहीं करने, पुलिस मामलों को वापस लेने और 2021 लखीमपुर खीरी हिंसा के पीड़ितों के लिए "न्याय" की भी मांग कर रहे हैं।

अब आप हिंदी आउटलुक अपने मोबाइल पर भी पढ़ सकते हैं। डाउनलोड करें आउटलुक हिंदी एप गूगल प्ले स्टोर या एपल स्टोर से
Advertisement
Advertisement
Advertisement
  Close Ad