दिल्ली समेत एनसीआर और आसपास इलाकों में शनिवार शाम भूकंप के झटके महसूस किए गए। इस भूकंप की तीव्रता रिक्टर पैमाने पर 6.1 दर्ज की गई है। कहीं से भी किसी के हताहत होने की खबरें नहीं आईं हैं। वहीं, जम्मू संभाग के पुंछ जिले में भी भूकंप के जोरदार झटके महसूस किए गए। भारतीय समयानुसार ये भूकंप शनिवार शाम 5 बजकर 34 मिनट और 44 सेंकेंड पर आया। भूकंप का केंद्र हिंदुकुश पर्वत क्षेत्र बताया जा रहा है। ये हिंदुकुश पर्वतमाला मध्य अफगानिस्तान से उत्तरी पाकिस्तान तक फैली हुई है।
38 शहर हाई रिस्क सिस्मिक जोन में
रिपोर्ट के मुताबिक, देश के करीब 38 शहर हाई रिस्क सिस्मिक जोन में आते हैं। जबकि, 60 फीसदी भूभाग भूकंप को लेकर असुरक्षित हैं। ब्यूरो ऑफ इंडियन स्टैंडर्ड के मुताबिक भारत में ज्यादातर निर्माण भूकंप को ध्यान में रखकर नहीं किए गए हैं।
जितना ज्यादा रिक्टर स्केल पर भूकंप आता है, उतना ही अधिक कंपन महसूस होता है। जैसे 2.9 रिक्टर स्केल पर भूकंप आने पर हल्का कंपन होता है। वहीं, 7.9 रिक्टर स्केल पर भूकंप आने पर इमारतें गिर जाती हैं। भूकंप के दौरान जमीन के कंपन के अधिकतम आयाम और किसी आर्बिट्रेरी छोटे आयाम के अनुपात के साधारण गणित को 'रिक्टर पैमाना' कहते हैं। 'रिक्टर पैमाने' का पूरा नाम रिक्टर परिमाण परीक्षण पैमाना है।
जोन-4 और 5
जोन 5 को भूकंप के लिहाज से सबसे अधिक खतरनाक माना जाता है। साथ ही दिल्ली, पटना, श्रीनगर, कोहिमा, पांडुचेरी, गुवाहाटी, गैंगटॉक, शिमला, देहरादून, इंफाल और चंडीगढ़, अंबाला, अमृतसर, लुधियाना, रुड़की सिस्मिक जोन 4 और 5 में आते हैं। जम्मू-कश्मीर, हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड, गुजरात, उत्तर बिहार और अंडमान-निकोबार के कुछ इलाके जोन-5 में शामिल हैं।