भाजपा ने कहा कि आखिरकार कानून ने पाल को अपनी गिरफ्त में लिया है और बनर्जी से गिरफ्तारी के समय को लेकर सवाल खड़ा करके और इसे राजनैतिक प्रतिशोध बताकर राजनैतिक ट्विस्ट नहीं देने को कहा। सीबीआई के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि हमने तापस पाल को रोज वैली चिटफंड घोटाला में उनकी कथित संलिप्तता के लिए गिरफ्तार किया है। हमने उनके समक्ष कुछ सवाल रखे और उन्होंने कितनी रकम ली थी और उसका क्या आधार था इसका कोई उचित जवाब नहीं दे सके।
अधिकारी ने बताया कि पाल से चार घंटे तक पूछताछ की गई थी। चूंकि वह रोज वैली की कंपनियों में से एक में निदेशक के तौर पर अपनी नियुक्ति और बंगाली फिल्म उद्योग में फर्म के निवेश करने में उनकी संलिप्तता से जुड़े सवाल का उचित जवाब देने में विफल रहे, इसलिए सीबीआई ने उन्हें गिरफ्तार करने का फैसला किया।
जांच एजेंसी आगे की पूछताछ के लिए पश्चिम बंगाल से लोकसभा सदस्य पाल को पूछताछ के लिए भुवनेश्वर ले जा सकती है। सीबीआई ने पाल को कथित घोटाले के सिलसिले में 27 दिसंबर को सम्मन जारी किया था। यह चिटफंड घोटाले के उन मामलों में से एक है, जिसकी सीबीआई जांच कर रही है। उनसे एजेंसी के साल्ट लेक स्थित कार्यालय में आज उपस्थित होने को कहा गया था।
ममता ने पाल की गिरफ्तारी पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि वे (केंद्र) हम सबको गिरफ्तार कर सकते हैं। यह और कुछ नहीं बल्कि प्रतिशोध की राजनीति है। (एजेंसी)