अभी तक भारतीय जनता पार्टी अपने बूथ मैनेजमेंट की वजह से ही चर्चा में रहती थी लेकिन जल्द ही वह चुनाव के राज्य के हिसाब से भारत माता बदलने की वजह से भी चर्चा में रहने लगेगी। सफेद साड़ी पहने, पीठ पर लहराते हुए बाल वाली भारत माता को भूल जाइए। हो सकता है अब हर राज्य की अपनी भारत माता हो (यदि वहां चुनाव हैं तो)
किस्सा कोताह यह कि अगले साल त्रिपुरा चुनाव के मद्देनजर भाजपा ने त्रिपुरा की सबसे बड़ी जनजाति त्रिपुरी को लुभाने के लिए उनकी आदिवासी वेशभूषा में भारत माता बनाई है। यह भारत पारंपरिक वेशभूषा में भारत माता की शैली में शेर के साथ हाथ में तिरंगा लिए खड़ी हैं। इस तरह के फोटो के लिए त्रिपुरा की ही स्थानीय लड़कियों के पारंपरिक परिधानों में फोटो खींचे जाएंगे।
भाजपा असम के बाद त्रिपुरा में भी कांग्रेस पार्टी की माणिक सरकार को पटखनी देना चाहती है। इसके लिए नारे-वादों से लेकर नए शिगूफों तक सभी हथकंडे अपनाए जा रहे हैं। त्रिपुरा में देबबर्मा, त्रिपुरी, रियांग और चकमा चार प्रमुख जनजातियां हैं। इन्हीं जनजातियों के इर्द-गिर्द भाजपा अपना इलेक्शन कैंपन रखना चाहती है। इनकी संस्कृति और समुदाय की झलक लिए और विज्ञापन बनाए जाने की योजना है।
 
                                                 
                             
                                                 
                                                 
                                                 
			 
                     
                    