प्रदूषण पर सख्ती दिखाते हुए राष्ट्रीय हरित अधिकरण यानी एनजीटी ने दिल्ली में दाखिल होने वाले सभी वाणिज्यिक वाहनों को टोल कर के अलावा पर्यावरण मुआवजा शुल्क भी अदा करने के निर्देश दिए हैं। इस फैसले से जहां दिल्ली सरकार की कमाई बढ़ेगी वहीं माल ढुलाई महंगी हो जाएगी। एनजीटी ने आदेश दिया कि दो एक्सल वाले वाहनों को 700 रूपए, तीन एक्सल वाले वाहनों को 1,000 रूपए और चार एक्सल एवं इससे ज्यादा वाले वाहनों को 1500 रूपए की दर से शुल्क अदा करना होगा।
न्यायमूर्ति स्वतंत्र कुमार की अध्यक्षता वाली पीठ ने कहा, हमारे सामने यह मान्य स्थिति है कि दिल्ली में हवा की गुणवत्ता खराब होने का एक प्रमुख स्रोत वाहनों से होने वाला प्रदूषण है...करीब 66,000 भारी वाणिज्यिक वाहन रोजाना दिल्ली में दाखिल होते हैं। बताया गया है कि टोल की दरें कम होने के कारण भारी वाहनों के लिए दिल्ली से गुजरना बड़ा आसान होता है और इसी वजह से वे वैकल्पिक रास्ते से नहीं जाते।
पीठ ने कहा कि गहन सोच-विचार के बाद हमारी राय है कि यह उचित होगा कि सभी जांच चौकियों को निर्देश दिए जाएं कि वे दिल्ली में दाखिल होने वाले भारी परिवहन वाहनों पर शुल्क लगाएं और टोल कर के अलावा पर्यावरण मुआवजे का भी भुगतान करें।