राजस्थान के अलवर जिले में कथित गौरक्षा के नाम पर 35 वर्षीय उमर खान की हत्या के मामले में अलवर पुलिस ने दो आरोपियों को कल गिरफ्तार किया है। खान का शव रामगढ़ इलाके में रेलवे ट्रैक पर मिला था।
अलवर के पुलिस अधीक्षक राहुल प्रकाश ने आज बताया कि उमर खान की हत्या मामले में मरकापुर निवासी भगवान सिंह गुर्जर ऊर्फ काला (35) और रामवीर गुर्जर (32) को कल गिरफ्तार किया गया है।
उन्होंने बताया कि दोनों से पूछताछ की जा रही है और अन्य आरोपियों की तलाश की जा रही है।
आरोपी लुटेरे थे या गौ रक्षक, इसके जवाब में प्रकाश ने बताया कि पुलिस शब्दकोश में गौरक्षक जैसा कोई शब्द नहीं है। यह हत्या का मामला है और हम इस मामले में संलिप्त आरोपिरयों की गिरफ्तारी पर काम कर रहे हैं।
उन्होंने कहा कि इस संबंध में दो मामले दर्ज किये गये है। पहला मामला गोविन्दगढ में गौ वंश के साथ पिकअप वैन मिलने का मामला गौ तस्करी का था और हमने गौ तस्करी का मामला दर्ज किया है। दूसरा मामला उमर की हत्या के बाद परिजनों की ओर से दर्ज कराया गया था।
गोविन्दगढ़ पुलिस ने बताया कि उमर, ताहिर और जावेद के खिलाफ गौ तस्करी का मामला दर्ज किया गया है।
वहीं दूसरी ओर मृतक उमर खान का पोस्टमार्टम घटना के चार दिन बाद भी नहीं किया जा सका है। जयपुर के सवाईमान सिंह चिकित्सालय के अधीक्षक डा. डी एस मीणा ने बताया कि मेडिकल बोर्ड द्वारा मृतक खान का पोस्मार्टम नहीं किया जा सका, क्योंकि मृतक के परिजन कई बार कोशिशों के बावजूद नहीं पहुंचे।
अलवर से जयपुर के सवाई मान सिंह चिकित्सालय में शव को पोस्टमार्टम के भेजने के बाद खान के परिजन जयपुर में डेरा डाले हुए है। उसके चाचा रजाक खान ने बताया कि ऐसी मौत किसी की नहीं होनी चाहिए, जैसी मेरे भतीजे की हुई है। हमलोग पुलिस के वरिष्ठ अधिकारियों से मिले है और आज मुख्यमंत्री कार्यालय के वरिष्ठ अधिकारियों से भी मिलेंगे।
उन्होंने कहा कि मृतक खान के माता पिता बुजुर्ग है और जयपुर नहीं आ सकते। राजस्थान सरकार को उन्हें 50 लाख का मुआवजा देना चाहिए और घटना में गोली लगने से घायल ताहिर के आश्रितों को 25 लाख का मुआवजा देना चाहिए।
घटना की जानकारी देते हुए रजाक ने कहा कि ताहिर ने सूचित किया था कि जब वे लोग घर वापस लौट रहे थे, उन पर 6-8 लोगो ने हमला कर दिया। उन्होंने गोलियां चलाई जिसमें उमर की मौत हो गर्इ और ताहिर घायल हो गया।
(पीटीआई से इनपुट)