जम्मू-कश्मीर के डोडा जिले में करीब चार साल बाद आतंकवादियों के साथ सुरक्षाबलों की मुठभेड़ हुई है। अब इस जिले में उग्रवादियों की उपस्थिति लगभग नहीं के बराबर मानी जा रही थी। रक्षा विभाग के जनसंपर्क अधिकारी एसएन आचार्य ने बताया कि विशिष्ट सूचना के आधार पर जवानों ने दूरस्थ डोडा पट्टी में करीब आधी रात को एक अभियान चलाया। दोनों पक्षों के बीच हुई गोलीबारी में सुबह करीब साढ़े चार बजे दो उग्रवादी मारे गए। उन्होंने बताया कि उनके शव बरामद किए जा चुके हैं। उनके पास से एक एके रायफल, एक इन्सास रायफल और कुछ गोलाबारूद मिला है।
जम्मू जोन के आईजी दानिश राणा ने बताया कि आज सुबह डोडा के गढ़ी नाला में हुए मुठभेड़ में दो पूर्व विशेष पुलिस अधिकारी (एसपीओ) मारे गए। इन्होंने पिछले माह पुलिस बल छोड़ा था और उग्रवाद में शामिल हो गए थे। मुठभेड़ में मारे गए दोनों उग्रवादियों की पहचान गुलाम नबी मंगनू उर्फ मौलवी उर्फ गुल्ला टेलर और रियाज अहमद के तौर पर हुई है।
मौलवी पहले लश्कर-ए-तैयबा का जिला कमांडर था और उसने वर्ष 2010 में पुलिस के समक्ष समर्पण कर दिया था। बाद में वह एसपीओ के तौर पर पुलिस में शामिल हो गया था। रियाज हिजबुल मुजाहिदीन का आतंकी था और 2010 में उसने समर्पण किया था। पुलिस अधिकारियों ने बताया कि मौलवी 2003 में लश्कर-ए-तैयबा और रियाज 1999 में हिजबुल मुजाहिदीन में शामिल हुआ था। ये दोनों सात और आठ सितंबर की रात को पुलिस से एक एके रायफल, एक इनसास रायफल और क्रमश: 60 तथा 70 कारतूस लेकर फरार गए और फिर से उग्रवाद में शामिल हो गए थे।
राणा ने बताया, हम उन पर नजर रख रहे थे। आज गढ़ी नाला में मुठभेड़ में दोनों मारे गए। पिछले कई वर्षों से इस इलाके में उग्रवाद नहीं है। जून 2011 में यहां सुरक्षा बलों के साथ हुई एक मुठभेड़ में लश्कर-ए-तैयबा के दो उग्रवादी मारे गए थे।