विश्वभारती के आयुर्वेद चिकित्सकों व छात्रों के दल ने १३ से १६ अक्टूबर तक अलग-स्थानों पर इन प्रचलित रोगों के अलावा दूसरी बीमारियों के मरीजों की जांच और दवा संबंधी सलाह भी निःशुल्क दी। १३ को ओसवाल भवन, विवेक विहार में शिविर का उद्घाटन करते हुए कुलाधिपति कनकमल डूगड़ ने कहा कि हरेक व्यक्ति का दायित्व है कि वह संसार को उतना तो अवश्य लौटाए जितना उसने उससे लिया है। चन्द्र, सूर्य, वायु, पेड़-पौधे, नदी, हवा, बादल सभी बिना निःस्वार्थ परोपकार करते हैं। हमें भी इनसे सीख लेनी चाहिए। उन्होंने कहा कि आयुर्वेद विश्वभारती के चिकित्सकों ने जो शोधपरक औषधि ईजाद की है जो मानव-मात्र की सेवा में सदैव तत्पर रहेगी. डॉ रविंदर कुमार, प्राचार्य, विश्वभारती के साथ डॉ. चक्रपाणि शर्मा, डॉ विशेष शर्मा, डॉ तन्वी महाजन ने दवा वितरित की। छात्रों पूजा चौधरी, रश्मि शर्मा, ग्रेसी सेकिया, गौरव शर्मा ने सहयोग किया| दूसरे दिन जारी रहे इस शिविर में बाबूलाल डूगड़ की देख-रेख में अधिसंख्य महिलाओं सहित पांच सौ से ज्यादा मरीजों को उपचार व सलाह दी गई|
कुलाधिपति के सलाहकार रजनीकांत वर्मा से प्राप्त जानकारी के मुताबिक इसी क्रम में १५ को विकास भवन गांधीनगर, कृष्णानगर में, रंजीत भंसाली के प्रबंधन में लगभग पौने चार सौ मरीजों का उपचार हुआ। १६ को रामचन्द्र बजाज के संयोजन में राजस्थान कल्याण परिषद की ओर से नोएडा के सेक्टर-१२ स्थित सरस्वती शिशु मंदिर और सनातन धर्म मंदिर, सेक्टर-१९ में आयोजित शिविरों में ग्यारह सौ से अधिक मरीजों को डॉ. करतार सिंह के नेतृत्व में चिकित्सकों व सहयोगियों द्वारा विशेष शोध से निर्मित दवा का वितरण किया गया. शिविरों में केएम वैद्य, जनार्दन यादव आदि का भी योगदान रहा।