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क्या कहती है कश्मीर पर यूएन की रिपोर्ट, भारत सरकार ने क्यों जताया एतराज

कश्मीर पर संयुक्त राष्ट्र (यूएन) की रिपोर्ट पर भारत ने सख्त ऐतराज जताया है। भारत ने कश्मीर में...
क्या कहती है कश्मीर पर यूएन की रिपोर्ट, भारत सरकार ने क्यों जताया एतराज

कश्मीर पर संयुक्त राष्ट्र (यूएन) की रिपोर्ट पर भारत ने सख्त ऐतराज जताया है। भारत ने कश्मीर में मानवाधिकारों के उल्लंघन पर संयुक्त राष्ट्र की रिपोर्ट को भ्रामक, विवादास्पद और प्रेरित करार दिया है। भारत ने कहा कि ये रिपोर्ट भारत की संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता का उल्लंघन करती है।

विदेश मंत्रालय ने इस पर कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि रिपोर्ट पूरी तरह से पूर्वाग्रह से प्रेरित है और गलत तस्वीर पेश करने का प्रयास कर रही है। मंत्रालय ने अपने बयान में कहा कि यह देश की सम्प्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता का उल्लंघन है।

गुरुवार को जारी रिपोर्ट में संयुक्त राष्ट्र ने जम्मू-कश्मीर और पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर, दोनों जगह कथित तौर पर मानवाधिकार उल्लंघन की बात कही है। यूएन ने मानवाधिकार उल्लंघनों की अंतर्राष्ट्रीय जांच की मांग की है लेकिन भारत ने इस रिपोर्ट को पूरी तरह खारिज कर दिया है।

रिपोर्ट की कुछ मुख्य बातें-

- 49 पेजों की इस रिपोर्ट में जम्मू कश्मीर में जुलाई 2016 से अप्रैल 2018 तक मानवाधिकार की स्थिति के बारे में बताया गया है। रिपोर्ट बताती है कि इस दौरान मानवाधिकार उल्लंघन की गंभीर शिकायतें आईं।

- जुलाई 2016 में हिंसा होने के बाद ह्यूमन राइट्स हाई कमिश्नर ने पाकिस्तान और भारत के प्रतिनिधियों से मुलाकात की।

- 2016 में भारतीय सुरक्षा बलों ने पैलेट गन जैसे खतरनाक हथियार का प्रयोग किया।

- अफस्पा, 1990 और जम्मू कश्मीर पब्लिक सेफ्टी एक्ट (पीएसए), 1978 की वजह से जम्मू-कश्मीर में कानून का सुचारु रूप से पालन नहीं हो रहा है, जवाबदेही कम है और इससे पीड़ितों को न्याय मिलने में खतरा पैदा हो गया है।

- पीएस के तहत मार्च 2016 से लेकर अगस्त 2017 तक 1,000 से ज्यादा लोगों को गिरफ्तार किया गया। साथ ही नाबालिगों को भी गिरफ्तार किया गया है।

- व्यापक विरोध प्रदर्शनों, लम्बे समय तक चलने वाले कर्फ्यू और स्ट्राइक की वजह से छात्रों की पढ़ाई-लिखाई और शिक्षा के अधिकार पर असर पड़ा है।

विदेश मंत्रालय ने कहा कि ये रिपोर्ट भ्रामक, प्रेरित और विवादास्पद है। हम इस रिपोर्ट को लाने के इरादे पर सवाल उठाते हैं। विदेश मंत्रालय ने कहा कि इस रिपोर्ट को काफी हद तक अपुष्ट सूचना को चुनिंदा तरीके से एकत्र करके तैयार किया गया है।

ये रिपोर्ट ऐसे वक्त पर आई है जब एलओसी पर हालात लगातार बिगड़ रहे हैं। पिछले तीन दिनों में पाक फायरिंग में भारत के 4 जवान मारे जा चुके हैं। 3 जवानों की मौत मंगलवार को हुई थी जबकि बुधवार को एक और जवान की मौत हुई है। रमजान के दिनों सीजफायर के बावजूद पाकिस्तान की ओर से लगातार गोलीबारी में भारत के जवान अपनी जान गंवा रहे हैं।

(पीटीआई से इनपुट)

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