चंबल क्षेत्र में भाजपा की हो रही हार ज्योतिरादित्य के साथ ही केन्द्रीय कृषि मंत्री नरेन्द्र सिंह तोमर के लिए भी एक बड़ा झटका है। तोमर इस क्षेत्र की संसदीय सीट मुरैना से सांसद हैं और उन्हीं के क्षेत्र में कांग्रेस को सबसे ज्यादा सीट मिल रही है और बसपा का खाता खुल रहा है।
मुरैना से सांसद होने के चलते चंबल क्षेत्र की जिम्मेदारी नरेन्द्र सिंह तोमर को दी गई थी। उन्होंने लंबे समय तक इसी क्षेत्र में प्रचार भी किया था किन्तु परिणाम उनका साथ नहीं दे रहे है। तोमर के प्रभाव वाले मुरैना की पांच सीटों पर चुनाव हुए थे, जिसमें चार में भाजपा को हार का सामना करना पड़ सकता है। मुरैना जिला मुख्यालय की सीट तो बीएसपी के खाते में जाती हुई दिख रही है। मुरैना में इस तरह की हार तोमर के लिए बड़ा झटका है।
तोमर के पास थी मुरैना की जिम्मेदारी
भाजपा संगठन ने उपचुनाव की सभी सीटों के लिए मंत्रियों की जिम्मेदारी तय की थी। मुरैना की जिम्मेदारी तोमर को दी गई थी। इस तरह यदि यहां पर भाजपा की सबसे बड़ी हार होती है तो यह केन्द्रीय मंत्री के लिए बड़ा झटका माना जायेगा।
चंबल की 7 में से पांच सीटों पर कांग्रेस प्रत्याशी आगे चल रहे हैं। मंत्री एंदलसिंह कंषाना मुश्किल में नजर आ रहे हैं। वे कांग्रेस उम्मीदवार अजबसिंह कुशवाहा से लगातार पीछे चल रहे हैं। एंदलसिंह दिग्वजयसिंह के करीबी थे और कमलनाथ सरकार से नाराजगी के चलते भाजपा का दामन थामा था। दिमनी से मंत्री गिर्राज दंडोतिया भी कांग्रेस प्रत्याशी रवींद्रसिंह तोमर से पीछे हैं। मेहगांव सीट पर कांग्रेस के हेमंत कटारे ने मंत्री ओपीएस भदौरिया को पीछे छोड़ दिया है। मुरैना में बसपा के रामप्रकाश राजौरिया ने बढ़त बना रखी है। जोरा में भाजपा के सूबेदार सिंह आगे है।