उत्तर प्रदेश में बुधवार को निकाय चुनाव के तीसरे और आखिरी चरण में 26 जिलों में वोट डाले गए। कड़ी सुरक्षा-व्यवस्था के बीच मतदान शांतिपूर्ण रहा। कुछ जगहों पर छिटपुट हिंसा और ईवीएम मशीनों में गड़बड़ी की भी खबर है। मतगणना एक दिसंबर को होगी।
पहले चरण में 22 नवंबर को 24 और दूसरे चरण में 26 नवंबर को 25 जिलों में मतदान हुआ था। विधानसभा चुनावों में जबर्दस्त जीत हासिल करने वाली भाजपा के लिए यह चुनाव पहली परीक्षा है। 15 साल बाद राज्य की सत्ता में आई भाजपा का शहरी क्षेत्रों में हमेशा से दबदबा रहा है। लेकिन, इस बार चुनौती पुराने प्रदर्शन को दोहराने के साथ-साथ जीत का अंतर बढ़ाने की भी है। यही कारण है कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने खुद प्रचार की कमान संभाल रखी थी।
मतदाता सूची में गड़बड़ियों के कारण भी यह चुनाव काफी चर्चा में रहा। इसके कारण केंद्रीय मंत्री कलराज मिश्र, उन्नाव से सांसद साक्षी महाराज, पूर्व सांसद अनु टंडन, उप्र के पुलिस महानिदेशक सुलखान सिंह जैसे लोग अपने मताधिकार का इस्तेमाल नहीं कर पाए। राज्य चुनाव आयोग ने इसका संज्ञान लेते हुए संबंधित जिलों से रिपोर्ट तलब की। वहीं, लखनऊ में चार बूथ स्तरीय मतदान अधिकारियों को लापरवाही के आरोप में जिलाधिकारी कौशल राज शर्मा ने निलंबित कर दिया।