बलिया जिले में शुक्रवार को पुलिस और भाजपा कार्यकर्ताओं के बीच हुई झड़प में एक कार्यकर्ता की मौत हो गई। जिससे क्षेत्र में तनाव का माहोल है। पुलिस अधीक्षक मनोज कुमार झा ने बताया कि शुक्रवार को पुलिस ने पशु तस्करी के मामले में पांच लोगों को गिरफ्तार किया था। प्रताडि़त करने का आरोप लगाते हुए पुलिस कार्रवाई के विरोध में कल भाजपा विधायक उपेंद्र तिवारी अपने समर्थकों और एवं पार्टी कार्यकर्ताओं के साथ नरही थाना के सामने धरने पर बैठ गए थे। झा ने बताया कि पुलिस और प्रशासनिक अधिकारियों ने धरना कर रहे भाजपा विधायक से कई दौर में वार्ता कर धरने को समाप्त करने का अनुरोध किया। लेकिन भाजपा विधायक नहीं माने। इसके बाद कल रात्रि 10 बजे पुलिस ने धरना कर रहे भाजपा समर्थकों को बलपूर्वक हटाने का प्रयास किया जिसपर भाजपा समर्थक हिंसा पर उतारू हो गए और उन्होंने पुलिस पर पथराव शुरू कर दिया। एसपी ने कहा कि स्थिति विस्फोटक होने पर पुलिस ने हल्का बल प्रयोग करते हुए आंसू गैस के गोले छोड़े और रबर की गोलियां चलाई।
इस बीच भाजपा के जिलाध्यक्ष विनोद दुबे ने आरोप लगाया कि पुलिस ने भाजपा कार्यकर्ताओं पर जमकर लाठीचार्ज किया और गोलियां चलाईं जिससे भाजपा कार्यकर्ता विनोद राय की मौत हो गई तथा 50 से अधिक अन्य लोग घायल हो गए। हालांकि एसपी ने कहा कि भाजपा कार्यकर्ता की मौत पुलिस की गोली से नहीं हुई क्योंकि पुलिस ने गोलियां चलाई ही नहीं। उन्होंने कहा कि भाजपा कार्यकर्ता की मौत कैसे हुई, यह पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने पर ही स्पष्ट हो पाएगा। उन्होंने बताया कि पुलिस ने इस मामले में नरही थाना में भाजपा विधायक उपेन्द्र तिवारी सहित 35 नामजद और 300 अज्ञात के खिलाफ भारतीय दण्ड विधान की धाराओं 147, 148, 149, 307, 353, 336 और 7 आपराधिक कानून संशोधन अधिनियम के तहत मुकदमा दर्ज करके छह लोगों को गिरफ्तार किया है। पुलिस अधीक्षक ने बताया कि विधायक उपेन्द्र तिवारी फरार हैं। वहीं, भाजपा जिलाध्यक्ष दुबे ने बताया कि विधायक पुलिस लाठीचार्ज में गंभीर रूप से घायल हो गए हैं और अस्पताल में उपचार करा रहे हैं। इस बीच इस घटना के मद्देनजर जनपद में सुरक्षा व्यवस्था कड़ी कर दी गई है। जिले की पुलिस के अलावा चार कंपनी पीएसी, 500 पुलिस कांस्टेबल, एक अपर पुलिस अधीक्षक और छह पुलिस उपाधीक्षकों को तैनात किया गया है।