राज्य में फर्जी राशन कार्ड की कई शिकायतों के बाद, उत्तर प्रदेश सरकार ने ऐसे 6 लाख फर्जी राशन कार्ड रद्द करने की प्रक्रिया शुरू कर दी है। उत्तर प्रदेश सरकार के अनुसार, राज्य के करीब छह लाख राशन कार्डधारक सार्वजनिक वितरण प्रणाली से रियायती दरों पर दो जगह से सामान ले रहे हैं। क्योंकि उन लोगों को दो राशन कार्ड जारी कर दिए गए हैं।
आधार एक और दो जिले से राशन कार्ड
इस गलती का पता चलते ही, सरकार ने नकली राशन कार्ड से बचने के लिए इसे आधार कार्ड से जोड़ दिया है। पहले इस तरह का फर्जीवाड़ा रोकने के लिए एक विशेष सॉफ्टवेयर भी तैयार किया गया था लेकिन फिर भी फर्जी राशन कार्ड की शिकायतें बनी रहती थीं।
एक अधिकारी का कहना है कि ‘एक जिले में एक आधार नंबर से जुड़े राशन कार्डों के दोहराव को रोकना आसान है। लेकिन यदि दो राशन कार्ड एक ही आधार से दो अलग-अलग जिलों में बनाए जाते हैं, तो इसे रोक पाना मुश्किल है।’
खाद्य और सार्वजनिक वितरण प्रणाली विभाग के एक अधिकारी का कहना है कि ‘इस तकनीकी खामी का लाभ उठाकर कई जिलों में लोगों ने एक ही आधार नंबर से कई राशन कार्डों को जोड़ने के लिए किया है। इस समस्या का पता राज्य स्तर पर उपयोग किए गए एक डी-डुप्लीकेशन सॉफ्वेयर द्वारा लगाया गया था।’
मृतक के नाम पर भी राशन कार्ड
इसके अलावा कुछ अन्य समस्याएं भी सामने आई हैं। उदाहरण के लिए, सिद्धार्थनगर के छरहटा गाँव में मिठवल ब्लॉक के प्रधान ने आरोप लगाया है कि उनके गाँव में 254 राशन कार्ड फर्जी हैं। यहां तक कि मृतकों के नाम पर और गरीबी रेखा से नीचे न आने वाले लोग भी सालों से सब्सिडी वाला राशन ले रहे हैं।
फूड कमीश्नर मनीष चौहान का कहना है, ‘अब तक जांचे गए राज्यवार आंकड़ों में लगभग छह लाख राशन कार्डों में नकली पाए गए हैं। इन कार्डों को खत्म किया जाएगा। हालांकि अभी हमें जिलेवार आंकड़े नहीं मिले हैं।’
खाद्य और रसद मंत्री धुन्नी सिंह ने कहा, ‘हमारी सरकार राशन कार्डों के दुरुपयोग को रोकने के लिए बहुत सतर्क है और इस मामले पर सख्ती से निपटा जाएगा।’