उत्तर प्रदेश सरकार ने देवरिया जिले के मां विंध्यवासिनी बालिका संरक्षण गृह में बालिकाओं से दुष्कर्म और अवैध बालिका गृह चलाने के मामले की जांच सीबीआइ से कराने का फैसला किया है। इस बात की जानकारी मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मंगलवार को दी।
मुख्यमंत्री ने बताया कि देवरिया के डीएम चार्जशीट किया गया है। देवरिया की बाल कल्याण समिति को निलंबित कर दिया गया है। पूरे मामले में पुलिस की भूमिका की जांच के लिए एडीजी गोरखपुर को निर्देश दिया गया है। इसके अलावा एडीजी क्राइम के नेतृत्व एसआइटी का गठन किया गया। इसमे एसपी ईओडब्ल्यू, एसपी पीटीसी मेरठ भी होंगीं।
इससे पहले पुलिस ने आरोपी गिरिजा त्रिपाठी की बेटी कंचनलता त्रिपाठी को भी गिरफ्तार कर लिया। इस मामले में संचालिका गिरिजा त्रिपाठी, उसके पति मोहन त्रिपाठी और बेटे प्रदीप त्रिपाठी को पहले ही गिरफ्तार किया जा चुका है। इनसे पूछताछ की जा रही है। गिरफ्तार की गई लड़की ने कहा कि झूठे आरोपों के तहत मुझे फंसाया जा रहा है।
इस मामले में आगे की कार्रवाई के बारे में देवरिया के नए डीएम अमित किशोर ने बताया कि डीपीओ (जिला जांच अधिकारी) को हटा दिया गया है। उन्होंने बताया कि इस मामले में अब तक चार लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है। डीपीओ की गलती ये थी कि गत वर्ष इस शेल्टर होम का लाइसेंस रद्द किए जाने के बाद भी यहां लड़कियों को भेजा जाता था।
गौरतलब है कि इस संस्थान की जांच में अनियमितता पाई गई थी, जिसके बाद पिछले साल इसकी मान्यता रद्द कर दी गई। देवरिया के डीपीओ ने बताया कि मां विंध्यवासिनी महिला प्रशिक्षण एवं समाजिक सेवा संस्थान द्वारा संचालित नारी संरक्षण गृह में पहले भी अनिमियतता पाई गई थी, उसके आधार पर इनकी मान्यता स्थगित कर दी गई थी। शासन से ये आदेश भी हुआ था कि सभी बच्चों को यहां से ट्रांसफर कर दिया जाए। इस आदेश के बावजूद संस्थान में लड़कियों को जबरन रखा गया। यहां तक कि संस्थान में रजिस्टर्ड बच्चियों का सही रिकॉर्ड तक नहीं है।
पुलिस ने बताया कि संरक्षण गृह की सूची में 42 लड़कियों के नाम दर्ज हैं, लेकिन छापे में मौके पर केवल 24 मिलीं। बाकी 18 लड़कियों का पता लगाया जा रहा है। उन्होंने बताया कि बिहार के बेतिया जिले की 10 साल की बच्ची रविवार देर शाम किसी तरह संरक्षण गृह से निकलकर महिला थाने पहुंची। वहां उसने संरक्षण गृह की अनियमितताओं के बारे में जानकारी दी।
बच्ची के मुताबिक, वहां शाम चार बजे के बाद रोजाना कई लोग काले और सफेद रंग की कारों से आते थे और मैडम के साथ लड़कियों को लेकर जाते थे, वे देर रात रोते हुए लौटती थीं। संरक्षण गृह में भी गलत काम होता है।