जाट समेत अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) आरक्षण के मुद्दे पर उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने एक महत्वपूर्ण कदम उठाया है। उच्च न्यायालय में जाट सहित ओबीसी जातियों के पिछड़ेपन पर विचाराधीन याचिकाओं के संबंध में यूपी सरकार ने एक कमेटी गठित की है। यह कमेटी जाट और ओबीसी जातियों के सामाजिक, शैक्षणिक एवं आर्थिक पिछड़ेपन का आकलन करेगी।
नए सिरे से ओबीसी जातियों के पिछड़ेपन का आंकलन एक नए सामाजिक और राजनीतिक विवाद को जन्म दे सकता है। क्योंकि कोई भी जाति इस आकलन के आधार पर आरक्षण से वंचित नहीं होना चाहेगी।
मिली जानकारी के अनुसार, उत्तर प्रदेश शासन ने उच्च न्यायालय इलाहाबाद में जाट सहित अन्य पिछड़े वर्ग के पिछड़ेपन को लेकर दाखिल रिट याचिका संख्या-27240/2011, रिट याचिका संख्या-63824/2015 तथा रिट याचिका संख्या-20851/2017 में पारित आदेशों और निर्णय के तहत सन्दर्भ बिन्दुओं पर विचार करने के लिए एक कमेटी का गठन किया है। यह समिति जाट जाति सहित अन्य पिछड़े वर्ग की जातियों/वर्गों के सामाजिक, शैक्षणिक एवं आर्थिक पिछड़ेपन का आकलन करेगी।
इस संबंध में पिछड़ा वर्ग कल्याण विभाग के प्रमुख सचिव महेश कुमार गुप्ता द्वारा गठित की गई कमेटी के अध्यक्ष न्यायमूर्ति (सेवानिवृत्त) राघवेन्द्र कुमार होंगे, जबकि रिटायर्ड आईएएस जेपी विश्वकर्मा, बीएचयू के प्रोफेसर भूपेन्द्र विक्रम सिंह, और आजमगढ़ के अधिवक्ता अशोक राजभर सदस्य बनाये गये हैं।
लंबे समय से राज्य और राष्ट्रीय स्तर पर जाट आरक्षण का मुद्दा उठा रहे अखिल भारतीय जाट आरक्षण संघर्ष समिति के अध्यक्ष यशपाल मलिक का कहना है कि यूपी की भाजपा सरकार के ओबीसी विरोधी रवैये के चलते इन जातियों के पिछड़ेपन का आंकलन करना पड़ रहा है। इसके पीछे कहीं ना कहीं इरादा जाट, यादव, कुर्मी, लोध जैसी ओबीसी जातियों के दावेदारी को कमजोर करने का है।
तीन महीने में देनी है रिपोर्ट
कमेटी द्वारा निर्धारित बिन्दुओं पर विचार कर रिपोर्ट तीन महीने में शासन को प्रस्तुत की जायेगी। कमेटी जिन बिन्दुओं पर विचार करेगी, उनमें
- पिछड़े वर्ग के कल्याण के लिए उत्तर प्रदेश सरकार की समस्त योजनाओं, व्यवस्थाओं एवं सुविधाओं का विश्लेषण
- वर्तमान परिस्थितियों में पिछड़े वर्ग के अन्तर्गत विभिन्न वर्गों/जातियों की वर्तमान सामाजिक, आर्थिक एवं शैक्षणिक स्थिति का आंकलन
- उत्तर प्रदेश में निर्धारित आरक्षण व्यवस्था के अधीन शैक्षणिक क्षेत्र में पिछड़े वर्ग के विभिन्न वर्गों/जातियों की भागीदारी का आंकलन
- उत्तर प्रदेश में निर्धारित आरक्षण व्यवस्था के अन्तर्गत सरकारी सेवाओं में पिछड़े वर्ग की विभिन्न जातियों की भागीदारी का आंकलन
- पिछड़े वर्ग के अन्तर्गत विभिन्न वर्गों/जातियों के संदर्भ में आरक्षण व्यवस्था को और प्रभावी बनाने हेतु अन्य राज्यों की व्यवस्था का अध्ययन एवं इस सम्बन्ध में विभिन्न उच्च न्यायालयों एवं उच्च्तम न्यायालय द्वारा प्रतिपादित सिद्धान्त का उत्तर प्रदेश में सामाजिक न्याय का उद्देश्य प्राप्त करने हेतु उपयोग किये जाने हेतु सुझाव
- पिछड़े वर्ग के कल्याणार्थ राज्य सरकार द्वारा चलायी जा रही समस्त योजनाओं को सामाजिक न्याय के दृष्टिकोण से और प्रभावी एवं उद्देश्यपरक बनाये जाने हेतु संस्तुतियां उपलब्ध कराया जाना
- पिछड़े वर्ग के विभिन्न वर्गों/जातियों के लिए आरक्षण व्यवस्था को सामाजिक न्याय के दृष्टिकोण से और प्रभावी और उद्देश्यपरक बनाये जाने हेतु संस्तुतियां उपलब्ध कराया जाना तथा
- अन्य बिन्दु, जिसे राज्य सरकार समय-समय पर संदर्भित करना चाहे