उत्तर प्रदेश के नए मंत्रियों के शपथ ग्रहण समारोह के दौरान शनिवार को उस समय सभी स्तब्ध रह गए जब राज्यपाल राम नाइक ने राष्ट्रगान की धुन बजा रहे बैंड को बीच में ही रोक दिया। दरअसल, शपथ ग्रहण समारोह संपन्न होने के बाद पारंपरिक रूप से राष्ट्रगान बजाया जाता है। आज भी वही हुआ लेकिन तयशुदा कार्यक्रम के अनुसार शपथ ग्रहण के बाद राज्यपाल को राष्ट्रीय एकता दिवस शपथ दिलानी थी और उसके बाद राष्ट्रगान बजना था।
शपथ ग्रहण समारोह संपन्न होते ही राष्ट्रगान बजना शुरू हो गया। राज्यपाल नाइक ने इशारे से सामने खडे हुए लोगों से बैठने को कहा। शायद वह शपथ पहले कराना चाहते थे। इस बीच उनके साथ मौजूद मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने नाइक का हाथ पकडा। वह शायद कहना चाह रहे होंगे कि जब धुन बजनी शुरू हो गई है तो बीच में मत रोकिए। असमंजस के बीच ये खबर बैंड की टीम तक पहुंची कि राज्यपाल राष्ट्रगान रुकवा रहे हैं। राष्ट्रगान बजना बंद हो गया। राज्यपाल ने फिर शपथ दिलाई और उसके बाद फिर से राष्ट्रगान शुरू हुआ।
राज्यपाल के इस कदम पर खासा विवाद खड़ा हो गया और लोगों ने सवाल उठाने शुरू कर दिए हैं। हालांकि राजभवन के एक अधिकारी ने स्पष्ट किया कि यह एक छोटी सी गलतफहमी के कारण हुआ और राष्ट्रगान का अपमान करने की कोई मंशा नहीं थी।
उधर मामले पर राजनीति भी शुरू हो गई है। कांग्रेस ने इस चूक के लिए जिम्मेदार लोगों से माफी मांगने को कहा है। कांग्रेस प्रवक्ता द्विजेन्द्र त्रिपाठी ने कहा कि यह अत्यंत दुर्भाग्यपूर्ण और निंदनीय है। वहीं राज्यपाल के इस कदम का बचाव करते हुए भाजपा प्रवक्ता विजय बहादुर पाठक ने कहा, राजभवन में होने वाले समस्त समारोह के बाद राष्ट्रगान बजाने की परंपरा है और राज्यपाल ने उन्हीं परंपराओं का पालन किया। आज एकता की शपथ ली जानी थी और देश भर में इस तरह के कार्यक्रम हो रहे हैं। यहां भी शपथ ली जानी थी और शपथ पत्र की प्रतियां पहले ही सबको बांट दी गई थीं।