बाराबंकी। बिगड़ती कानून व्यवस्था के लिए कुख्यात उत्तर प्रदेश में अब एक पत्रकार की मां को पुलिस द्वारा कथित तौर पर जिंदा जलाने का मामला सामने आया है। बाराबंकी जिले के कोठी थाने के बाहर कल संदिग्ध परिस्थितियों में जलकर बुरी तरह झुलसी महिला नीतू द्विवेदी ने आज सुबह लखनऊ के ट्रामा सेंटर में दम तोड़ दिया। मौत से पहले दिए बयान में महिला ने थाना प्रभारी और एक दरोगा पर रेप की कोशिश और पेट्रोल छिड़कर आग लगाने के आरोप लगाए थे। महिला की मौत के बाद मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने मामले की मजिस्ट्रेट जांच के आदेश दिए हैं और दोनों पुलिसकर्मियों को निलंबित कर दिया है।
बाराबंकी के पुलिस अधीक्षक अब्दुल हमीद ने बताया कि घायल महिला नीतू द्विवेदी (39) की आज सुबह इलाज के दौरान ट्रामा सेंटर में मौत हो गई। महिला ने कल मजिस्ट्रेट और मीडिया के सामने दर्ज कराए अपने बयान में कहा था कि वह अपने पति रामनारायण को छुड़ाने कोठी थाने गई थी, जहां थाना प्रभारी राय साहब सिंह यादव और उपनिरीक्षक अखिलेश राय ने उससे एक लाख रूपये की मांग की और घूस देने से इंकार करने पर उसके साथ गाली गलौज की गई। महिला ने आरोप लगाया कि यादव और राय ने थाने के बाहर उसके शरीर पर पेट्रोल छिड़कर आग लगा दी थी।
उधर, पुलिस का कहना है कि थाने पर तैनात पुलिस अधिकारियों की कथित अभ्रदता और गाली गलौज से क्षुब्ध होकर महिला ने स्वयं आग लगाकर आत्मदाह की कोशिश की। जिला पुलिस अधीक्षक अब्दुल हमीद ने कल ही दोनों आरोपी पुलिस अधिकारियों को निलंबित कर दिया गया था। दोनों पुलिसवालों के खिलाफ संबंधित धाराओं में प्राथमिकी दर्ज की गई है। मिली जानकारी के अनुसार, मृतक महिला का पुत्र जिले के स्थानीय अखबार के साथ पत्रकार के तौर पर जुड़ा है। आरोपाी पुलिसकर्मियों के साथ पत्रकार के परिवार की जमीन विवाद को लेकर पुरानी रंजिश चली आ रही थी।