उत्तर प्रदेश के बुलंदशहर हिंसा के मुख्य आरोपी योगेश राज को आखिरकार पुलिस ने एक महीने (31 दिन) बाद गिरफ्तार कर लिया है। बजरंग दल का जिला संयोजक योगेश राज घटना वाले दिन से ही फरार था। योगेश पर हिंसा भड़काने का आरोप था। भीड़ द्वारा हिंसा की इस घटना में पुलिस इंस्पेक्टर सुबोध कुमार सिंह की हत्या कर दी गई थी। घटना के बाद योगेश की गिरफ्तारी पुलिस के लिए चुनौती बन गई थी।
पुलिस ने बताया कि योगेश को बीती रात खुर्जा के पास गिरफ्तार किया गया है। इससे पहले योगेश राज की गिरफ्तारी में हो रही देरी को लेकर यूपी पुलिस पर सवाल उठ रहे थे।
भीड़ को भड़काने का है आरोप
स्याना के नयाबांस गांव के रहने वाले योगेश राज ने कथित तौर पर हिंसक भीड़ की अगुआई की थी। पुलिस ने उसके खिलाफ आईपीसी की धारा 147, 148, 149, 307, 302, 333, 353, 427, 436, 394 के तहत मामला दर्ज किया है। पुलिस एफआईआर के अनुसार योगेश राज अपने साथियों के साथ मिलकर भीड़ को भड़का रहा था।
इससे पहले पुलिस योगेश की शिकायत पर ही सात लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया था। योगेश राज ने स्याना पुलिस को तहरीर देकर बताया था कि वह अपने कुछ साथियों के साथ 3 दिसंबर को सुबह करीब नौ बजे गांव महाब के जंगलों में घूम रहा था। इसी दौरान उसने नयाबांस के आरोपी गोतस्कर सुदैफ चौधरी, इलियास, शराफत, अनस, साजिद, परवेज और सरफुद्दीन को गोवंशों को कत्ल करते हुए देखा। इसके बाद उन्होंने शोर मचा दिया। इसके बाद आरोपी भाग निकले।
इससे पहले हुई थी कलुआ की गिरफ्तारी
3 दिसंबर को भड़की हिंसा के दौरान पुलिस निरीक्षक सुबोध कुमार सिंह पर कुल्हाड़ी से हमला करने के आरोप में बीते सोमवार को पुलिस ने कलुआ नाम के आरोपी को गिरफ्तार किया था। गिरफ्तार आरोपी कलुआ ने पुलिस को बताया कि 3 दिसंबर को वह सड़क को अवरूद्ध करने के लिए पेड़ गिरा रहा था लेकिन पुलिस निरीक्षक ने उसे ऐसा करने से रोका तो उसने अधिकारी पर कुल्हाड़ी से हमला कर दिया। इससे पहले पुलिस ने 27 दिसंबर को आरोपी प्रशांत नट को गिरफ्तार किया था। उसने कुल्हाड़ी से हमले के बाद सुबोध कुमार सिंह की कथित रूप से गोली मारकर हत्या कर दी थी। पुलिस के मुताबिक सोमवार तक इम मामले में आरोपियों की संख्या 30 पहुंच गई थी।
क्या है मामला?
बता दें कि बुलंद शहर के महवा गांव के पास एक खेत में कथित तौर पर गाय का शव मिलने के बाद हिंसा भड़क गई थी। हिंसा में पुलिस इंस्पेक्टर सुबोध कुमार सिंह और एक युवक की मौत हो गई थी। भीड़ की हिंसा और गो हत्या के मामले में 18 दिसंबर को 5 लोगों को गिरफ्तार किया गया था। इसे लेकर 27 नामजद और 50-60 अज्ञात लोगों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गई थी।