सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल हो रहा है जिसमें एक मुस्लिम बुजुर्ग ने चार अज्ञात लोगों पर गाजियाबाद में सुनसान पड़े एक मकान में ले जाकर उसे ‘‘जय श्रीराम’’ का नारा लगाने के लिए मजबूर करने, पिटाई करने और दाढ़ी काटने का आरोप लगाया है। वहीं, पुलिस मामले को सांप्रदायिक नहीं है, बल्कि ताबीज से जुड़ा है। पुलिस ने मामले में तीन को गिरफ्तार किया है।
पुलिस ने हालांकि किसी भी सांप्रदायिक कोण से इनकार करते हुए कहा कि सूफी अब्दुल समद पर छह लोगों - हिंदुओं और मुसलमानों द्वारा हमला किया गया था - जो उनके द्वारा बेचे गए ताबीज से नाखुश थे। गिरफ्तार युवकों की पहचान कल्लू और आदिल के रूप में हुई है। वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक अमित पाठक ने बताया कि उनके अलावा पोली, आरिफ, मुशाहिद और परवेश गुर्जर भी घटना में शामिल थे। उन्होंने कहा कि समद ने भी तांत्रिक साधना की और कुछ ताबीज गुर्जर को बेच दिए, कथित तौर पर उनके परिवार के एक सदस्य को किसी "बुरे प्रभाव" से मुक्त करने के लिए, लेकिन दोनों के बीच विवाद पैदा हो गया क्योंकि ताबीज का कोई वांछित परिणाम नहीं था।
पुलिस ने पहले गुर्जर को गिरफ्तार किया था, जो उस घर का मालिक है जहां कथित घटना हुई थी। 5 जून को हुई इस घटना के दो दिन बाद आईपीसी की धारा 342, धारा 323, धारा 504, धारा 506 के तहत प्राथमिकी दर्ज की गई थी। पुलिस ने बताया कि समद ने अपनी शिकायत में यह उल्लेख नहीं किया कि उनकी दाढ़ी काट दी गई थी और उन्हें 'जय श्री राम' का जाप करने के लिए मजबूर किया गया था। पुलिस अधीक्षक ग्रामीण इराज राजा ने कहा कि पुलिस अन्य आरोपियों के संभावित ठिकानों पर छापेमारी कर रही है और उन्हें जल्द ही पकड़ लिया जाएगा।
बता दें कि कि लोनी में एक मुस्लिम बुज़ुर्ग की पिटाई का एक वीडियो वायरल हुआ था। पीड़ित बुजुर्ग का नाम अब्दुल समद बताया गया है। आरोपियों ने बुजुर्ग की न केवल जमकर पिटाई की बल्कि उनकी दाढ़ी भी काट ली। इस दौरान बुजुर्ग उन सभी से हाथ जोड़कर मिन्नतें करते रहे लेकिन आरोपी उन्हें पीटते रहे। वीडियो में समद ने आरोप लगाया, "आखिरकार वे मुझे लोनी के बेहटा हाजीपुर गांव के एक खेत में एक सुनसान घर में ले गए, जहां उन्होंने मुझे जय श्री राम का जाप करने के लिए कहते हुए पीटा।" आरोपियों ने ही इस घटना का वीडियो बनाया और उसे वायरल कर दिया।