यूपी सरकार ने नई आबकारी नीति जारी कर दी है जिसके तहत अब घर में तय लिमिट से ज्यादा शराब रखने के लिए लाइसेंस लेना होगा। लाइसेंस के लिए 12 हजार रुपए सालाना फीस चुकानी होगी। शुरुआत में 51 हजार रुपए की सिक्योरिटी भी देनी पड़ेगी। यानि बिना लाइसेंस के घर में निजी बार नहीं बना पाएंगे। नियम तोड़ने पर 3 साल तक की जेल हो सकती है। प्रदेश में 7.84 लीटर अल्कोहल ही घर में रखने की इजाजत है।
सरकार के सर्कुलर में कहा गया है कि होम लाइसेंस के लिए वही लोग आवेदन कर पाएंगे, जो पिछले 5 साल से इनकम टैक्स भर रहे हैं। लाइसेंस लेने के लिए आवेदन करते वक्त इनकम टैक्स रिटर्न की रसीद भी देनी होगी। पैन कार्ड और आधार कार्ड की कॉपी लगानी होगी। साथ ही हलफनामा देना होगा कि 21 साल से कम उम्र वाले को शराब रखे जाने वाली जगह पर नहीं जाने दिया जाएगा। साथ ही ऐसी जगह पर उत्तर प्रदेश की तरफ से मान्य शराब के अलावा कोई दूसरी शराब जोकि अवैध या अनधिकृत है, उसे नहीं रखा जाना चाहिए।
यूपी सरकार की नई नीति के मुताबिक, देशी और अंग्रेजी शराब ही नहीं बल्कि बीयर और भांग की फुटकर दुकानों व मॉडल शॉप के लाइसेंस भी रिन्यू किए जाएंगे। देशी और अंग्रेजी शराब की फुटकर दुकानों के साथ मॉडल शॉप की लाइसेंस फीस में महज 7.5 फीसदी वृद्धि की गई है।