उत्तर प्रदेश में राशन की कालाबाजारी रुकने का नाम नहीं ले रही है। विभाग के तमाम दावों के बावजूद जितनी कोशिशें की जा रही हैं, वह नाकाफी साबित हो रही हैं। खाद्य एवं रसद विभाग में अनाज की कालाबाजारी रोकने के लिए आधार ऑथेंटिकेशन की व्यवस्था लागू की, लेकिन कोटेदारों ने जालसाजों से मिलकर उसमें भी सेंध लगा दी। विभाग द्वारा एनआईसी से करवाई गई जांच में खुलासा हुआ है कि जुलाई में ही जालसाजों ने 43 जिलों में 859 आधार नंबरों का 1.86 लाख बार दुरुपयोग कर गरीब परिवारों का राशन हड़प लिया।
खाद्य एवं रसद आयुक्त आलोक कुमार ने बताया कि शहरी इलाकों में उचित दर की दुकानों पर ई-पॉश मशीनों के जरिए राशन कार्ड का वितरण हो रहा है। इसके लिए आधार आधारित आवश्यक वस्तु वितरण के लिए एनआईसी भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण (यूआईडीएआई) के आधार बायोमीट्रिक ऑथेंटिकेशन का प्रयोग करता है।
पिछले दिनों कई जिला पूर्ति अधिकारियों ने इस कंप्यूटराइज्ड तकनीक के दुरुपयोग की जानकारी दी गई थी। इस पर विभाग ने जुलाई के डेटा का एनआईसी से परीक्षण करवाया। जांच में पाया गया कि आधार ऑथेंटिकेशन के समय कई मामलों में असली लाभार्थी के डेटाबेस में सीडेड उसकी आधार संख्या से छेड़छाड़ कर किसी और के बायोमीट्रिक का प्रयोग कर लेनदेन की प्रक्रिया पूरी कर राशन हड़प लिया गया। इस ट्रांजेक्शन के बाद असली लाभार्थी की आधार संख्या को फिर उसके डेटाबेस में अपडेट कर दिया गया। इस जालसाजी से वास्तविक लाभार्थी परिवार राशन पाने से वंचित हो गए।
वेस्ट से लेकर पूरब तक के जिलों में हुआ घपला
जांच में पाया गया कि 43 जिलों में जालसाजों ने 839 आधार नंबरों का 1,86,737 बार दुरुपयोग किया। इनमें मेरठ में 108, इलाहाबाद में 107, मुरादाबाद में 83, गाजियाबाद में 69, मुजफ्फरनगर में 64, आगरा में 41, बिजनौर में 37, गौतमबुद्धनगर में 36, अमरोहा में 32, गाजीपुर में 31, लखनऊ में 24, बहराइच और मऊ में 21-21 आधार नंबरों का दुरुपयोग किया गया।
कार्ड धारकों का डेटा सीज
संयुक्त आयुक्त खाद्य एवं रसद अनूप शंकर का कहना है कि फर्जीवाड़े की जानकारी मिलते ही एनआईसी ने डेटाबेस को सीज कर दिया है। अब शुरुआती महीने में एक से पांच तारीख के बीच ई-पॉश मशीन में लाभार्थियों का थम्ब इम्प्रेशन लिया जाएगा। इससे लाभार्थी का डेटा सामने आ जाएगा और उसके ट्रांजेक्शन की डिटेल भी फीड हो जाएगी, लेकिन उसमें कोई फेरबदल अब संभव नहीं होगा।
साथ ही खाद्य आयुक्त ने आधार डेटा की जालसाजी करने वाले दुकानदारों की जिलावार रिपोर्ट जिलाधिकारियों के साथ जिला पूर्ति अधिकारियों को भेजी है। निर्देश दिए हैं कि दोषी दुकानदारों के खिलाफ एफआईआार के साथ उनसे हड़पे गए राशन की वसूली की जाए। साथ ही कार्रवाई की जानकारी मुख्यालय को भेजी जाए।