उत्तर प्रदेश सरकार ने पिछले साल पश्चिमी यूपी में सुलगी जातीय चिंगारी को बुझाने के लिए बड़ा कदम उठाया है। भीम आर्मी के अध्यक्ष चंद्रशेखर उर्फ रावण सहित तीन अन्य आरोपियों को सरकार रिहा करेगी। समयपूर्व रिहाई के लिए सरकार की ओर से सहारनपुर के डीएम को निर्देश जारी कर दिए गए हैं। हालांकि सरकार के इस कदम से सुलगी चिंगारी बुझ पाएगी या नहीं, यह वक्त ही बताएगा।
जातीय हिंसा में लगाया गया था रासुका
सहारनपुर जिले में पिछले साल मई माह में हुई जातीय हिंसा में कुल छह लोगों पर रासुका लगाया गया था, जिसमें तीन आरोपियों बड़गांव थाना क्षेत्र के अम्बेहटा चांद निवासी सोनू उर्फ सोनपाल, सुधीर और विलास उर्फ राजू को इस साल छह और सात जुलाई को रिहा किया गया था। भीम आर्मी के अध्यक्ष चंद्रशेखर और रावण की रिहाई के लिए चंद्रशेखर की मां ने राज्य सरकार को प्रत्यावेदन दिया था। इस पर सरकार की ओर से विचार करने के बाद चंद्रशेखर को समयपूर्व रिहा करने का निर्णय लिया है। सहारनपुर जिले में काशीराम यात्रा के दौरान पिछले साल मई में हिंसा के बाद चंद्रशेखर को गिरफ्तार किया गया था। चंद्रशेखर के साथ जेल में बंद दो अन्य शब्बीरपुर गांव के निवासी सोनू और शिव कुमार को भी समय पूर्व रिहा करने का निर्णय लिया गया है।
सरकार की मंशा शुरू से गलत थी और अब भी गलत: भीम आर्मी
भीम आर्मी के राष्ट्रीय प्रवक्ता मनजीत नौटियाल का कहना है कि सहारनपुर के डीएम ने जानकारी दी है कि कल रिहाई हो जाएगी। उनका कहना है कि सरकार की मंशा शुरू से गलत थी और अब भी गलत है। हमने उन्हें अल्टीमेटम दिया था कि आप कानून को नहीं बदल सकते हमने संविधान की रक्षा की और हमें न्याय मिला। यह संविधान की जीत है। हमने बाबा साहेब के संविधान को लेकर जो आंदोलन किया था ये उसकी जीत है, संविधान की रक्षा करने वालों की जीत है।