उत्तर प्रदेश में दोबारा पॉलीथीन पर 15 जुलाई से प्रतिबंध लगाने की तैयारी शुरू कर दी गई है। इसके लिए मुख्य सचिव ने नगर विकास प्रमुख सचिव के साथ बैठक कर रणनीति बनाई है। हालांकि अंतिम रूप से फैसला नहीं हो पाया है, लेकिन माना जा रहा है कि प्रतिबंध को लेकर सरकार अध्यादेश भी ला सकती है।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शुक्रवार को औरैया में दोहराया कि पॉलीथीन पर प्रतिबंध की तैयारी कर ली गई है। इसके साथ ही 15 जुलाई से 50 माइक्रॉन से पतली पॉलीथीन पर कड़ाई से प्रतिबंध की घोषणा को जमीन पर उतारने के लिए सरकार ने तैयारी शुरू कर दी है। मुख्य सचिव डा. अनूप चंद्र पाण्डेय की बैठक में तय हुआ है कि मानक के विपरीत बिक रही पॉलीथीन पर रोक के लिए कार्य योजना बने और तुरंत मौके पर जुर्माना भी लगाया जाए। जेल का भी प्रावधान किया जाए। पॉलीथीन पर प्रतिबंध के संबंध में न्याय विभाग से भी राय मांगी गई है। इसके बाद शासन तय करेगा कि संबंधित कानून में संशोधन के लिए सरकार अध्यादेश लाए या केवल शासनादेश।
इससे पहले सपा सरकार में भी 2016 में कैबिनेट ने 20 माइक्रान से पतली पॉलीथीन पर प्रतिबंध का फैसला किया था जबकि प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड का मानक 50 माइक्रान से पतली पॉलीथीन का है। सपा सरकार ने हाईकोर्ट के आदेश पर एक्ट बनाया, जिसमें पांच लाख जुर्माने और छह महीने की सजा का प्रावधान था।