उत्तर प्रदेश में धार्मिक पर्यटन को बढ़ावा देने के उद्देश्य से केंद्र और राज्य सरकार की ओर से दर्जनों प्रोजेक्ट पर कार्य शुरू किया गया है। इनमें से यूपी का पहला रोपवे चित्रकूट में बनकर तैयार हुआ है। हालांकि इसकी अभी शुरूआत नहीं हुई है, लेकिन यह माना जा रहा है कि जल्द ही इसका लोकार्पण किया जाएगा।
15 से 20 मिनट की दूरी दो मिनट मेंं होगी तय
चित्रकूट में परिक्रमा मार्ग से लक्ष्मण पहाड़ी की दूरी करीब 258 मीटर है। पहले लोगों को पहाड़ी में ऊपर पहुंचने के लिए करीब चार सौ सीढ़ी चढ़ना पड़ता था, जिसमें 15 से 20 मिनट लगते थे। इस यात्रा में बुजुर्ग महिलाओं और पुरुषों को काफी दिक्कतें भी होतीं थीं, लेकिन अब रोप-वे से सिर्फ दो मिनट में पहाड़ी की चोटी में पहुंच जाएंगे। पूर्णत: आटोमेटिक रोपवे का निर्माण पीपीपी मॉडल पर उत्तर प्रदेश पर्यटन विभाग ने कराया है। इसमें छह केबिन हैं। तीन आने के लिए और तीन जाने के लिए। एक केबिन में छह लोग बैठ सकते हैं। व्यस्कों के लिए जीएसटी सहित किराया 75 रुपए और बच्चों के लिए 40 रुपए निर्धारित किया गया है। जिस कंपनी में रोपवे का निर्माण चित्रकूट में कराया है, वह रोपवे के निर्माण में विशेषज्ञ मानी जाती है। यही कंपनी मैहर और हरिद्वार में भी रोपवे का संचालन करती है।
चित्रकूट के डीएम विशाक जी ने बताया कि एक घंटे में साढ़े चार सौ लोग यात्रा कर सकते हैं। इसकी ऊंचाई भिन्नता 52 मीटर है और इसमें 90 किलोवाट एसी मोटर ड्राइव लगी है। रोपवे में मोनो केबल फिक्स्ड पकड़ पल्स गोंडोला सिस्टम लगा है। इसकी लागत करीब 12.5 करोड़ रुपए है। प्रमुख सचिव पर्यटन अवनीश अवस्थी का इस बारे में कहना है कि पीपीपी मॉडल पर प्रदेश के दो स्थानों पर रोपवे का निर्माण कराया जा रहा है। इनमें पहला, चित्रकूट में और दूसरा विंध्याचल में दो स्थानों पर रोपवे का निर्माण कराया जा रहा है।
महिलाओं के हाथों में होगी कमान
तपोभूमि में बने रोप वे की टेस्टिंग हो चुकी है और शासन को रिपोर्ट भेजकर उद्घाटन की स्वीकृति मांगी गई है। शासन से हरी झंडी मिलते है तो लोग रोप-वे से लक्ष्मण पहाड़ी की उड़ान भर सकेंगे। चित्रकूट का रोप-वे नारी सशक्तीकरण को बढ़ावा देता नजर आएगा। रोप-वे में यात्रियों को बैठाने, उतारने सहित टिकट देने की व्यवस्था महिलाएं करेंगी। इसमें करीब आधा दर्जन महिलाओं को लगाया गया है।