उत्तर प्रदेश में एक और पुलिसकर्मी भीड़ का शिकार हो गया। शनिवार को गाजीपुर में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की रैली के बाद पुलिसकर्मियों पर पथराव किया गया। पथराव में सुरेश वत्स नाम के एक कॉन्सटेबल की मौत हो गई और दो लोग घायल हो गए हैं। इस मामले में 92 लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया है। इसमें 32 नामजद और 60 अज्ञात हैं। इसमें से 27 को पुलिस ने गिरफ्तार किया है। कुछ लोगों को हिरासत में लेकर पूछताछ की जा रही है। हिंसा का आरोप निषाद पार्टी के कार्यकर्ताओं पर लग रहा है।
गाजीपुर जिले के कठवा मोड़ पर निषाद समाज के लोगों ने जमकर हंगामा किया। कथित तौर पर कार्यकर्ताओं ने जाम लगाकर कई वाहनों में तोड़फोड़ के साथ आगजनी भी की। साथ ही पुलिस कर्मियों पर पथराव भी किया और दौड़ा-दौड़ा कर पीटा, जिससे एक सिपाही की मौत हो गई और कई घायल हो गए।
निषाद समाज पार्टी पर पथराव का आरोप
निषाद समाज पार्टी के कार्यकर्ता गाजीपुर जिले में विभिन्न स्थानों पर आरक्षण की मांग को लेकर धरना प्रदर्शन कर रहे थे। चूंकि शनिवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का कार्यक्रम भी था। इसलिए पुलिस ने इन्हें हटाने का प्रयास किया, लेकिन इसी बीच किसी माध्यम से अफवाह फैली कि पुलिस ने पार्टी के कुछ लोगों को हिरासत में लिया है। इस पर भीड़ उग्र हो गई और चक्का जाम कर पथराव शुरू कर दिया। जिससे करीमुद्दीन थाने में तैनात हेड कांस्टेबल सुरेंद्र वत्स घायल हो गए और अस्पताल ले जाते समय उनकी मौत हो गई।
सीएम योगी ने किया मुआवजे का ऐलान
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने आज अटवा मोड़ थाना नोनहरा जनपद गाजीपुर में भीड़ द्वारा किए गए पथराव से पुलिस कान्सटेबल सुरेश वत्स की मृत्यु पर गहरा शोक व्यक्त किया है। उन्होंने शोक संतप्त परिजनों के प्रति अपनी संवेदना व्यक्त करते हुए दिवंगत पुलिस कान्सटेबल की पत्नी को 40 लाख रुपए और उनके माता-पिता को 10 लाख रुपए की आर्थिक सहायता दिए जाने की घोषणा की है। उन्होंने दिवंगत पुलिस कर्मी की पत्नी को असाधारण पेंशन और परिवार के एक सदस्य को मृतक आश्रित के तौर पर सरकारी नौकरी देने की घोषणा भी की है। मुख्यमंत्री ने जनपद गाजीपुर के डीएम और एसपी को निर्देशित किया है कि घटना के दोषियों के विरुद्ध सख्त से सख्त कानूनी कार्रवाई की जाए।
मामले में डीएम गाजीपुर का कहना है कि 15 लोगों को हिरासत में लिया गया है। इसके अलावा आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए टीमें गठित की गई हैं।
निषाद पार्टी ने किया इनकार, कांग्रेस ने बताया जंगलराज
निषाद पार्टी अध्यक्ष संजय निषाद ने कहा, 'हमारी पार्टी पर लग रहे हिंसा के आरोप बेबुनियाद हैं। हम देश के संविधान को सर्वोपरि मानते हैं और वही हमारे लिए बाइबल और कुरान है।'
उधर इस मुद्दे पर राजनीति भी शुरू हो गई है। कांग्रेस के प्रवक्त रणदीप सुरजेवाला ने अपने सोशल मीडिया हैंडल से इस घटना को जंगल राज से जोड़ा है. उन्होंने ट्वीट कर कहा है कि ''आदित्यनाथ के महाजंगलराज में न जनता सुरक्षित है,ना ही पुलिस! आज ग़ाज़ीपुर में मोदीजी की रैली के बाद, भीड़ ने पुलिस कांस्टेबल, सुरेश वत्स की निर्मम हत्या की।
उन्होंने इस घटना को बुलंदशहर की पिछली घटना से जोड़ते हुए साथ ही कहा, ''इसके पहले इन्सपेक्टर सुबोध कुमार सिंह की भीड़ ने हत्या की जिसे सीएम ने ‘दुर्घटना’ क़रार दिया! बीजेपी राज में लोकतंत्र=भीड़तंत्र!''
वरिष्ठ कांग्रेस नेता अहमद पटेल ने ट्वीट किया, 'उत्तर प्रदेश में आए दिन भीड़ की हिंसा में पुलिकर्मियों की मौत चिंता का विषय है। वह भी ठीक उस जगह जहां पीएम मोदी ने रैली की हो। कांग्रेस पर झूठे आरोप लगाने की जगह पीएम हमारे सिपाहियों की जान बचाने पर ध्यान लगाएं।'