उत्तराखंड के मुख्यमंत्री की कुर्सी पर पुष्कर सिंह धामी को दो साल पूरे हो गए हैं। अपने कार्यकाल में धामी ने कई बड़े और कड़े फैसले लिए हैं। समान नागरिक संहिता, धर्मांतरण, नकल विरोधी कानून और महिलाओं को 30 प्रतिशत क्षैतिज आरक्षण का फैसला भी इन दो साल के कार्यकाल में लिया गया।
मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत के हटने के बाद राष्ट्रीय नेतृत्व ने पुष्कर सिंह धामी को कुर्सी सौंपी थी। धामी के नेतृत्व में ही भाजपा ने 2022 का विधानसभा चुनाव लड़ा और भाजपा किस मुख्यमंत्री के कितने फॉलोअर्स को लगातार दूसरी बार सत्ता में वापसी कर एक मिथक को तोड़ा। भले ही धामी खटीमा सीट से चुनाव हार गए थे। लेकिन भाजपा ने सीएम की बागडोर दी।
चंपावत से उप चुनाव लड़ कर धामी ने रिकॉर्ड मतों से जीत हासिल की। सरकार के गठन बाद पहली कैबिनेट में धर्मांतरण कानून भी लागू किया। समान नागरिक संहिता पर विशेषज्ञ कमेटी बनाने का निर्णय लिया। कमेटी की रिपोर्ट आते ही इसे लागू करने की तैयारी है। नकल माफियाओं के लिए जेल और 25 हजार रुपये जुर्माने का प्रावधान किया गया है। सरकारी जमीर खिलाफ सख्त कार्रवाई की गई। प्रदेश में भूमि पर अतिक्रमण के खिलाफ भी नकल विरोधी कानून बनाया।
राज्य में जबरन धर्मांतरण रोकने के लिए कानून बनाया और महिलाओं को सरकारी नौकरियों 30 फीसदी प्रतिशत क्षैतिज आरक्षण का प्रावधान किया गया। केदारनाथ धाम और बदरीनाथ धाम की तर्ज पर कुमाऊं के पौराणिक और प्राचीन मंदिरों के विकास के लिए मानसखंड मंदिर माला मिशन के तहत पहले चरण में 16 मंदिरों को विकसित किया जा रहा है।
भाजपा शासित राज्यों के मुख्यमंत्रियों में फेसबुक पर सबसे आगे हैं धामी
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को फेसबुक पेज पर फॉलो करने वालों की संख्या में तेजी से इजाफा हुआ है। मुख्यमंत्री के तौर पर अपने अब तक के कार्यकाल में धामी फेसबुक पर भाजपा शासित राज्यों के मुख्यमंत्रियों में सबसे आगे निकल गए हैं।