उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी रविवार को चमोली के थराली पहुंचकर आपदा प्रभावितों से मुलाकात की। मुख्यमंत्री धामी ने थराली में आई आपदा के दृष्टिगत राहत एवं बचाव दलों को पूरी क्षमता के साथ कार्य करने के निर्देश दिए हैं। उन्हाेंने कहा कि धराली, थराली व स्यानाचट्टी में आई आपदा में यह देखा गया है कि तीनों ही स्थानों पर पानी के साथ भारी मलबा आया है।
उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा, "...घायलों को अस्पताल में भर्ती कराया गया है, आवश्यक सहायता प्रदान की जा रही है। हमारा प्रयास है कि सबसे पहले सभी व्यवस्थाओं को पटरी पर लाया जाए जैसे बिजली व्यवस्था, पानी की व्यवस्था, उससे पहले हम सभी को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचा रहे हैं और उनके भोजन, छोटे बच्चों के लिए दूध आदि की व्यवस्था कर रहे हैं। हम आपदा पीड़ितों के साथ हैं, उन्हें हर संभव मदद प्रदान करना हमारी प्राथमिकता है। प्रशासन, एनडीआरएफ, एसडीआरएफ सभी काम कर रहे हैं।"
#WATCH | चमोली, उत्तराखंड: उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा, "...घायलों को अस्पताल में भर्ती कराया गया है, आवश्यक सहायता प्रदान की जा रही है। हमारा प्रयास है कि सबसे पहले सभी व्यवस्थाओं को पटरी पर लाया जाए जैसे बिजली व्यवस्था, पानी की व्यवस्था, उससे पहले हम सभी को… pic.twitter.com/xP5hBhheV1
— ANI_HindiNews (@AHindinews) August 24, 2025
थराली क्षेत्र में आई आपदा के बाद से पुलिस व प्रशासन की टीमें लगातार ग्राउंड जीरो पर मौजूद हैं। जिलाधिकारी एवं पुलिस प्रशासन स्वयं प्रभावित क्षेत्रों का निरीक्षण कर हालात का जायज़ा ले रहे हैं। शनिवार को हुई भारी बारिश के कारण कई मार्ग अवरुद्ध हो गए थे, जिन्हें शीघ्रता से खोलने का प्रयास जारी है।
#WATCH चमोली, उत्तराखंड: मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने चमोली के कुलसारी स्थित राहत शिविर में पीड़ितों को सांत्वना दी।
मुख्यमंत्री ने आपदा पीड़ितों को आश्वासन दिया कि संकट की इस घड़ी में सरकार उनके साथ है। pic.twitter.com/EAxcFgx7CE
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एसपी चमोली स्वयं हर गतिविधि की मॉनिटरिंग कर रहे हैं, ताकि राहत व बचाव कार्य बिना किसी रुकावट के चलते रहें। पुलिस-प्रशासन हर संभव मदद के लिए लगातार प्रयासरत है।
राजकीय पॉलिटेक्निक कॉलेज कुलसारी में कुल 12 आपदा प्रभावित लोग रुके हुए है। जबकि प्राथमिक विद्यालय चेपड़ो में 36 लोग ठहरे हुए हैं। प्राथमिक विद्यालय अपर बाजार थराली में 20 लोगों रुके हुए हैं। जिनके रहने और खाने की व्यवस्था प्रशासन द्वारा की जा रही है।
उधर, थराली में बादल फटने से आई आपदा के बाद से जनजीवन अस्त-व्यस्त है। मलबे में लापता एक व्यक्ति का अब तक पता नहीं चल पाया है। दो दर्जन से अधिक घरों में मलबा घुसा है। प्रभावितों को जिला प्रशासन ने स्कूलों व गेस्ट हाउस में ठहराया है। थराली के मुख्य मार्गों और कच्चे रास्तों को भारी क्षति पहुंची है।
कर्णप्रयाग-ग्वालदम राजमार्ग 15 मीटर बह गया है। एसडीआरएफ, एनडीआरएफ, आइटीबीपी व एसएसबी राहत कार्यों में जुटी है। शुक्रवार रात बादल फटने से थराली कस्बे को भारी नुकसान पहुंचा है।