उत्तराखंड में वेतन के लिए शिक्षक सरकार के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे थे। जिसके बाद अब सरकार ने उन सभी की लिस्ट मंगवाई और उनकी सैलरी काटने के आदेश जारी किए हैं।
उत्तराखंड उच्च शिक्षा निदेशालय ने विश्वविद्यालय विधेयक 2020 में संशोधन की मांग को लेकर शिक्षकों ने सचिवालय की ओर कूच किया था।
सरकार ने अशासकीय सहायता प्राप्त महाविद्यालयों के कार्मिकों द्वारा राज्य सरकार के विरूद्ध धरना प्रदर्शन के संबंध में धरने में शामिल शिक्षकों एवं कर्मारियों की सूची तत्काल क्षेत्रीय कार्यालय देहरादून एवं निदेशालय को उपवब्ध कराये जाने के निर्देश दिए गए हैं।
आदेश में कहा गया है कि यदि किसी महाविद्यालय से शिक्षक/ कर्मचारी धरना-प्रदर्शन में नहीं हुए हैं, तो इस आशय का प्रमाण पत्र भी प्रस्तुत किया जाना अनिवार्य है। इसके बाद ही महाविद्यालयों द्वारा उक्त प्रमाण-पत्र/सूचना/सूची उपलब्ध कराए जाने पर ही कार्मिकों का वेतन आहरित किया जाएगा। इसका पूरा उत्तरदायित्व महाविद्यालय प्रबंधक/ प्राचार्य का होगा।
सरकार की ओर से समस्त अशासकीय कॉलेजों के प्रबंधक एवं प्राचार्यों को लिखे पत्र में कहा गया है कि कुछ अशासकीय सहायता प्राप्त महाविद्यालय के कर्मचारियों और शिक्षकों के द्वारा सरकार के खिलाफ धरना, प्रदर्शन किया जा रहा है। यह शिक्षा के व्यवसायिक आचरण के खिलाफ है।