उत्तराखंड में हुई बारिश ने मंगलवार को 34 लोगों की जान ले ली जबकि पांच लोग अभी तक लापता हैं। नैनीताल का राज्य के बाकी हिस्सों से संपर्क कट गया है। राज्य के विभिन्न हिस्सों, विशेष रूप से कुमाऊं क्षेत्र में लगातार बारिश जारी है, जिससे घर धराशायी हो गए हैं और कई लोग मलबे में फंस गए हैं। मुख्यमंत्री ने मृतकों के परिवारों को 4 लाख रुपये और घर गंवाने वालों को 1.9 लाख रुपये मुआवजा देने का एलान किया है। उनका कहना है कि जिन लोगों ने अपना पशुधन खो दिया है, उन्हें हर संभव मदद दी जाएगी।
लैंडस्लाइड के कारण लोकप्रिय पर्यटन स्थल की ओर जाने वाली तीन सड़कों के कारण नैनीताल राज्य के बाकी हिस्सों से संपर्क कट गया है। नैनीताल के रामगढ़ में बादल फटने से कितने लोग मलबे में दब या फंस गए हैं, फिलहाल इसका अंदाज़ा लगाया जा रहा है, जबकि कुछ लोगों को रेस्क्यू किया गया है। नैनीताल में भारी बारिश का दौर जरी है। वहीं, कोसी नदी के उफान पर होने के चलते रामनगर से रानीखेत के बीच एक रिसॉर्ट में पानी भरने से करीब 100 लोग फंस गए हैं।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने देहरादून में संवाददाताओं से कहा कि मंगलवार को बारिश से संबंधित घटनाओं में 11 लोगों की मौत हो गई, जबकि बादल फटने और लैंडस्लाइड के बाद कई लोगों के मलबे में फंसने की आशंका है। उन्होंने कहा कि पूरे उत्तराखंड में बारिश से संबंधित घटनाओं में मरने वालों की संख्या 16 हो गई है, जिसमें सोमवार को पांच लोगों की मौत हुई है।
धामी ने आश्वासन दिया कि राज्य में चल रहे राहत और बचाव कार्यों में सहायता के लिए सेना के तीन हेलीकॉप्टर जल्द ही पहुंचेंगे। उन्होंने कहा कि इनमें से दो हेलीकॉप्टर नैनीताल और एक गढ़वाल क्षेत्र में विभिन्न स्थानों पर फंसे लोगों को बचाने के लिए भेजा जाएगा। हालांकि, सीएम ने लोगों से घबराने की बात नहीं करते हुए कहा कि उन्हें सुरक्षित निकालने के लिए सभी आवश्यक कदम उठाए जा रहे हैं।
उन्होंने चारधाम यात्रियों से अपनी अपील दोहराई कि वे जहां हैं वहीं रहें और मौसम में सुधार होने से पहले अपनी यात्रा फिर से शुरू न करें। बारिश से हुए नुकसान का आकलन किया जा रहा है, धामी ने कहा कि लगातार बारिश से किसानों को काफी नुकसान हुआ है।
उन्होंने यह भी कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने स्थिति का जायजा लेने के लिए उनसे फोन पर बात की थी और उन्हें हर संभव मदद का आश्वासन दिया था।
नैनीताल में माल रोड और नैनी झील के किनारे स्थित नैना देवी मंदिर में पानी भर गया है, जबकि लैंडस्लाइड के कारण एक छात्रावास की इमारत क्षतिग्रस्त हो गई है। नैनीताल की एक रिपोर्ट में कहा गया है कि जिला प्रशासन शहर में फंसे पर्यटकों की मदद करने की पूरी कोशिश कर रहा है, आने वाले और बाहर जाने वाले यातायात को चेतावनी देने के लिए पुलिस को तैनात किया गया है।
लैंडस्लाइड ने कस्बे में निकास मार्ग को अवरुद्ध कर दिया है। रामनगर-रानीखेत मार्ग पर लेमन ट्री रिसॉर्ट में लगभग 100 लोग फंस गए, जिससे कोसी नदी का पानी रिसॉर्ट में प्रवेश कर गया। मूसलाधार बारिश के चलते शहर की प्रसिद्ध झील का पानी सड़कों ही नहीं बल्कि भवनों और घरों में घुस गया है।