एनडीएमए के सदस्य लेफ्टिनेंट जनरल (सेवानिवृत्त) सैयद अता हसनैन ने मामले में ताजा जानकारी देते हुए बताया कि NDRF का इसमें बहुत महत्वपूर्ण रोल है 3 टीम सुरंग के अंदर जाएगी। SDRF, NDRF को अंदर सहयोग देगी।
उत्तरकाशी के सिल्कयारा सुरंग के अंदर पाइप बिछाने का काम पूरा हो गया है, जहां फंसे 41 श्रमिकों को बाहर निकालने का प्रयास जारी है। उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने मंगलवार दोपहर को यह जानकारी दी। इस बीच एनडीएमए के सदस्य लेफ्टिनेंट जनरल (सेवानिवृत्त) सैयद अता हसनैन ने ताजा जानकारी देते हुए बताया कि चिन्यालीसौड़ हवाई पट्टी पर चिनूक हेलीकॉप्टर मौजूद है। यह इमरजेंसी स्थिति के लिए है, अगर किसी मजदूर की तबीयत ज्यादा बिगड़ती है तो उन्हें जल्दी ही देहरादून और ऋषिकेश में बेहतर स्वास्थ्य व्यव्स्था के लिए ले जाया जा सके।
बता दें कि श्रमिकों के सुरंग में फंसे होने का आज 17वां दिन है। इस बीच, श्रमिकों के शीघ्र बचाव की प्रत्याशा में सिल्क्यारा सुरंग बचाव स्थल पर फूल मालाएं लाई गईं हैं।
एनडीएमए के सदस्य लेफ्टिनेंट जनरल (सेवानिवृत्त) सैयद अता हसनैन ने कहा, " चिन्यालीसौड़ हवाई पट्टी पर चिनूक हेलीकॉप्टर मौजूद है...चिनूक हेलीकॉप्टर के उड़ान भरने का आखिरी समय शाम 4:30 बजे है। हम इसे रात के वक्त नहीं उड़ाएंगे। देरी होने के कारण मजदूरों को अगली सुबह लाया जाएगा।... वहां पर जिला अस्पताल में 30 बेड की सुविधा तथा 10 बेड की सुविधा भी साइट पर तैयार है। चिनूक रात में उड़ान भर सकता है लेकिन मौसम इसके लिए अनुकूल नहीं है और ऐसी कोई तात्कालिकता नहीं है। यदि अत्यावश्यकता हो तो श्रमिकों को 1 या 2 एम्बुलेंस में ऋषिकेश लाया जा सकता है..."।
#WATCH उत्तरकाशी (उत्तराखंड): एनडीएमए के सदस्य लेफ्टिनेंट जनरल (सेवानिवृत्त) सैयद अता हसनैन ने कहा, " चिन्यालीसौड़ हवाई पट्टी पर चिनूक हेलीकॉप्टर मौजूद है...चिनूक हेलीकॉप्टर के उड़ान भरने का आखिरी समय शाम 4:30 बजे है। हम इसे रात के वक्त नहीं उड़ाएंगे। देरी होने के कारण मजदूरों को… pic.twitter.com/ggNShRxb1c
— ANI_HindiNews (@AHindinews) November 28, 2023
सैयद अता हसनैन ने कहा, "एनडीआरएफ का इसमें बहुत महत्वपूर्ण रोल है 3 टीम सुरंग के अंदर जाएगी। एसडीआरएफ, एनडीआरएफ को अंदर सहयोग देगी। साथ ही पैरामेडिक्स भी सुरंग के अंदर जाएंगे। अनुमान है कि 41 लोगों में से प्रत्येक को निकालने में 3-5 मिनट का समय लगेगा। पूरी निकासी में 3-4 घंटे लगने की उम्मीद है। "
#WATCH उत्तरकाशी (उत्तराखंड): एनडीएमए के सदस्य लेफ्टिनेंट जनरल (सेवानिवृत्त) सैयद अता हसनैन ने कहा, "NDRF का इसमें बहुत महत्वपूर्ण रोल है 3 टीम सुरंग के अंदर जाएगी।SDRF, NDRF को अंदर सहयोग देगी। साथ ही पैरामेडिक्स भी सुरंग के अंदर जाएंगे। अनुमान है कि 41 लोगों में से प्रत्येक को… pic.twitter.com/MeYkh2d2kT
— ANI_HindiNews (@AHindinews) November 28, 2023
उन्होंने यह भी बताया कि एनडीएमए के सदस्य लेफ्टिनेंट जनरल (सेवानिवृत्त) सैयद अता हसनैन ने कहा, " अब 58 मीटर तक ड्रिलिंग हो गई है...रातभर काम किया गया है, हमारी टीम बहुत ही मुश्किल काम कर रही है। 58 मीटर तक जाना ये अभूतपूर्व उपलब्धि है...अभी 2 मीटर और जाना है तब हम कह सकते हैं कि हम आर पार हो गए हैं..सभी सुरक्षा एहतियात बरते गए हैं।"
इससे पहले सीएम धामी ने रेस्क्यू के बारे में एक्स पर एक पोस्ट में कहा, ''बाबा बौख नाग जी के आशीर्वाद, करोड़ों देशवासियों की प्रार्थनाओं और बचाव कार्य में जुटी बचाव टीमों के अथक परिश्रम से मजदूरों को बाहर निकालने के लिए सुरंग में पाइप बिछाने का काम पूरा हो गया है। जल्द ही सभी मजदूरों को बाहर निकाला जाएगा।"
बाबा बौख नाग जी की असीम कृपा, करोड़ों देशवासियों की प्रार्थना एवं रेस्क्यू ऑपरेशन में लगे सभी बचाव दलों के अथक परिश्रम के फलस्वरूप श्रमिकों को बाहर निकालने के लिए टनल में पाइप डालने का कार्य पूरा हो चुका है। शीघ्र ही सभी श्रमिक भाइयों को बाहर निकाल लिया जाएगा।
— Pushkar Singh Dhami (@pushkardhami) November 28, 2023
एक्यूरेट कंक्रीट सॉल्यूशंस के एमडी अक्षत कात्याल ने कहा, "पाइप को बिना किसी बाधा के बहुत सावधानी से अंदर धकेला गया है, एक सफलता हासिल की गई है और पाइप गुजर गया है। मजदूरों को बचाने का काम शुरू हो गया है। कम से कम 3-4 चरण में रेस्क्यू ऑपरेशन किया जाएगा। एनडीआरएफ की टीमें अंदर घुस चुकी हैं। रैंप बनते ही मजदूरों को बाहर निकाला जाएगा।"
#WATCH | Uttarkashi tunnel rescue | Akshet Katyaal, MD, Accurate Concrete Solutions says "...The pipe has been pushed inside very cautiously without any hurdle, a breakthrough has been achieved and the pipe has passed through. The work to rescue labourers has started. There are… pic.twitter.com/CNt1qdSqvB
— ANI (@ANI) November 28, 2023
बचाव अभियान के चलते सुरंग के अंदर अस्थायी चिकित्सा सुविधा का विस्तार किया गया है। फंसे हुए मजदूरों को निकालने के बाद यहीं पर स्वास्थ्य प्रशिक्षण दिया जाएगा। किसी भी तरह की दिक्कत होने पर स्वास्थ्य विभाग की ओर से 8 बेड की व्यवस्था की गई है और डॉक्टरों व विशेषज्ञों की टीम तैनात की गई है।
#WATCH | Uttarkashi tunnel rescue | Due to the rescue operation, a temporary medical facility has been expanded inside the tunnel. After evacuating the trapped workers, health training will be done at this place. In case of any problem, 8 beds are arranged by the health… pic.twitter.com/ehAXzwd5dV
— ANI (@ANI) November 28, 2023
मंगलवार को एक प्रेस वार्ता के दौरान, सिल्क्यारा बचाव अभियान के नोडल अधिकारी और उत्तराखंड सरकार के सचिव, नीरज खैरवाल ने भी कहा था कि यदि कोई और बाधा नहीं है, तो बचावकर्मी फंसे हुए मजदूरों को जल्द निकालने की उम्मीद कर रहे हैं।
इस बीच, सुरंग के प्रवेश द्वार पर एम्बुलेंस, एनडीआरएफ कर्मी, एसडीआरएफ और कई अन्य एजेंसियों को तैनात किया गया है। आधिकारिक सूत्रों के अनुसार, एनडीआरएफ की टीम सुरंग के अंदर जाकर फंसे हुए मजदूरों को एक-एक करके बाहर निकालेग
माइक्रो टनलिंग विशेषज्ञ क्रिस कूपर ने कहा कि वर्टिकल ड्रिलिंग का काम रोक दिया गया है और वे मैनुअल ड्रिलिंग पर ध्यान केंद्रित कर रहे हैं जो तेज गति से आगे बढ़ रही है। उन्होंने कहा कि टीम को शाम करीब पांच बजे तक कुछ नतीजे आने की उम्मीद है।
क्रिस कूपर ने कहा, "हम अभी भी खनन कर रहे हैं। हर कोई बहुत उत्साहित और ऊर्जावान है। देखते हैं क्या होता है। हमने ऊर्ध्वाधर ड्रिलिंग बंद कर दी है और मैनुअल ड्रिलिंग पर ध्यान केंद्रित किया गया है। हमें अभी कुछ मीटर और चलना है। हम शाम 5 बजे तक कुछ परिणाम देखने की उम्मीद कर रहे हैं। 2-3 मीटर बाकी है।"
इससे पहले आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने फोन के जरिए उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से चल रहे बचाव और राहत प्रयासों का जायजा लिया। पीएम मोदी ने फंसे हुए मजदूरों का हालचाल पूछा और मुख्यमंत्री को बचाव कार्य में लगे लोगों के साथ उनकी सुरक्षा सुनिश्चित करने का निर्देश दिया।
आधिकारिक सूत्रों के अनुसार, फंसे हुए 41 मजदूरों के रिश्तेदारों को तैयार रहने और श्रमिकों के कपड़े और बैग तैयार रखने के लिए कहा गया है क्योंकि चल रहे बचाव प्रयास से जल्द निकासी की उम्मीद बढ़ गई है। सूत्रों के मुताबिक, मजदूरों को रेस्क्यू कर बाहर निकालने के बाद चिन्यालीसौड़ अस्पताल ले जाया जाएगा।
श्रमिकों को सुरंग से निकाले जाने के बाद उन्हें तुरंत चिकित्सकीय मदद के लिए अस्पताल पहुंचाने के लिए मंगलवार को तैयारियां जारी हैं। श्रमिकों के बाहर आते ही उन्हें चिकित्सकीय सुविधा मुहैया कराने के लिए घटनास्थल से 30 किलोमीटर दूर चिन्यालीसौड़ सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में 41 बिस्तरों का अस्पताल तैयार किया गया है।
पिछले एक पखवाड़े में भारी वाहनों की नियमित आवाजाही के कारण ऊबड़-खाबड़ हो चुकी सुरंग के बाहर की सड़क की मरम्मत की जा रही है और एंबुलेंस की सुचारू आवाजाही के लिए मिट्टी की एक नयी परत बिछाई जा रही है। वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों ने सुरंग के बाहर सुरक्षा कर्मियों को निर्देश दिया कि जैसे ही श्रमिक उनके लिए तैयार किए जा रहे निकासी मार्ग से बाहर आना शुरू करें, वे तुरंत कार्रवाई में जुट जाएं।
गौरतलब है कि यमुनोत्री राष्ट्रीय राजमार्ग पर बन रही सिलक्यारा सुरंग का एक हिस्सा 12 नवंबर को ढह गया था जिसके कारण उसमें काम कर रहे 41 श्रमिक फंस गए थे। उन्हें बाहर निकालने के लिए युद्ध स्तर पर बचाव अभियान चलाया जा रहा है।