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जब टारगेट पूरा करने के लिए आत्माओं का किय गया वैक्सीनेशन? मध्य प्रदेश के ग्वालियर में हुआ ये कारनामा

कोरोना संक्रमण के खिलाफ चलाए जा रहे वैक्सीनेशन का आंकड़ा पूरा करने के लिए माना जा रहा है कि अधिकारी...
जब टारगेट पूरा करने के लिए आत्माओं का किय गया वैक्सीनेशन? मध्य प्रदेश के ग्वालियर में हुआ ये कारनामा

कोरोना संक्रमण के खिलाफ चलाए जा रहे वैक्सीनेशन का आंकड़ा पूरा करने के लिए माना जा रहा है कि अधिकारी किसी भी हद तक जाने को तैयार हैं। मध्य प्रदेश के ग्वालियर में हुआ मामला ऐसा ही कुछ संकेत दे रहा है। असल में यहां पर एक ऐसे व्यक्ति को वैक्सीन लगाने का दावा किया जा रहा है जिसकी कुछ महीने पहले ही मौत हो चुकी है। स्वास्थ्य विभाग के इस कदम की वजह से सरकार के वैक्सीनेशन के आंकड़ों पर भी सवाल उठने लगा है।

दरअसल, यह मामला मध्य प्रदेश के शहर ग्वालियर का है, जहां पर भितरवार वार्ड-3 निवासी विनोद पाठक स्वास्थ्य विभाग में कर्मचारी हैं। उनके पिता 81 वर्षीय शिवचरण पाठक की गैंगरीन के चलते 10 मई 2021 को मौत हो गई थी। डेथ सार्टिफिकेट भी मिल चुका है उसके बाद भी स्वास्थ्य महकमे ने उनको वैक्सीन लगा दी।

हिंदुस्तान की खबर के मुताबिक, शिवचरन की मौत से पहले 9 अप्रैल 2021 को उनको वैक्सीन की पहली डोज लगवाई गई थी। रजिस्ट्रेशन के लिए बेटे विनोद का मोबाइल नंबर यूज किया गया था।

शिवचरन की मौत के बाद उनका डेथ सार्टिफिकेट भी बन गया था। लेकिन 17 नवंबर 2021 को विनोद के पास एक मैसेज आया जिसमें लिखा था कि आपको वैक्सीन का दूसरा डोज सफलतापूर्वक लग गया है। यह देखकर खुद विनोद भी हैरान रह गए। क्योंकि वह खुद स्वास्थ्य विभाग में कर्मचारी है। इसकी जानकारी के लिए विनोद भितरवार स्वास्थ्य केन्द्र पहुंचे। उन्होंने यहां पता किया तो कोई जानकारी नहीं मिली। मामले में सीएमएचओ डॉ. मनीष शर्मा का कहना है कि वह इसकी जांच कराएंगे कि ऐसा कैसे हो गया। अब यह मामला ग्वालियर में काफी चर्चित हो रहा है। इससे साफ दिख रहा है कि दिसंबर तक 100 % वैक्सीन करने का टारगेट की टेंशन क्या-क्या करवा रही है।

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