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वर्णिका से खास बातचीत: 'मैं अगर डर गई तो ये उनकी जीत होगी'

''मेरी जो फोटो फैलाई जा रही है, वो दूसरे दोस्तों के साथ की है। कोई भी देख सकता है कि ये वो लड़के नहीं हैं। इस समय इस फोटो पर ध्यान देने की जरूरत नहीं है।''
वर्णिका से खास बातचीत: 'मैं अगर डर गई तो ये उनकी जीत होगी'

वर्णिका कुंडू चंडीगढ़ शहर में, जिसे वह एक दशक से भी ज्यादा समय से अपना घर कहती हैं, वहां पर एक फ्रीलांस डीजे हैं। पिछले हफ्ते जब वह घर लौट रही थीं तब नशे में धुत दो लोगों ने उनका पीछा किया। इनमें से एक हरियाणा बीजेपी अध्यक्ष का बेटा विकास बराला भी था। वर्णिका ने कहा कि दोनों ने उनका रास्ता रोका और जबरदस्ती उनकी कार में आने की कोशिश की। वर्णिका ने प्रज्ञा सिंह से बातचीत की। उसके कुछ अंश-

आपके लिए पिछले 72 घंटे किस तरह से बीते?

बेहद थकाऊ। शनिवार और रविवार को मैंने 16 घंटे मीडिया से बात की और अभी भी बाकियों का इंतजार कर रही हूं।

मीडिया में आपका नाम इस्तेमाल किया जा रहा है। आपको इससे कोई दिक्कत तो नहीं?

मैंने दोनों के खिलाफ पुलिस में शिकायत की। उसके बाद मुझे पता चला कि उनमें से एक बीजेपी के एक प्रभावशाली आदमी का लड़का है। तब मैंने फेसबुक पोस्ट लिखने का फैसला किया, ताकि चंडीगढ़ के लोगों को बताया जा सके कि शहर में क्या हुआ। इसके बाद जो कुछ भी हुआ वो सामने है।

घटना की रात आप एक बुरी स्थिति से कैसे बाहर निकलीं?

जब ये हो रहा था, मेरा रिएक्शन एकदम नेचुरल था। मैंने वही किया जो मैं उस समय कर सकती थी। मेरे काम में मुझे देर तक काम करना होता है और कई बार अकेले घर वापस आना पड़ता है। पिछले कुछ सालों में महिलाओं को लेकर माहौल बदल गया है, इसलिए मैं हमेशा सावधान रहती हूं। खासकर जब से देर रात मैं ड्राइव करने लगी।

जो कुछ भी आपने झेला, क्या उस हिसाब से चंडीगढ़ सुरक्षित नहीं है?

ये पहली बार नहीं है जब किसी ने मेरा पीछा करने की कोशिश की है। सच कहा जाए तो चंडीगढ़ की हर लड़की के साथ ऐसा हुआ है। पहले भी जब ऐसा हुआ तो मैंने पुलिस को फोन किया। इसीलिए इस बार मैंने सबसे पहले पुलिस को फोन किया।

ऐसा क्या किसी और के साथ भी हुआ है, जिसे आप जानती हों?

नहीं, कभी नहीं। अगर मैं किसी सूनसान सड़क पर या किसी अंजान जगह पर, जैसे अनुष्का शर्मा की वह फिल्म जो इसी विषय पर बनी है या अगर मैं चंडीगढ़ में नहीं होती और किसी गांव या छोटे कस्बे में होती, मुझे अकेले ड्राइव करने में डर लगता या मैं चंडीगढ़ में नहीं होती तो भी मैं डर सकती थी।

क्या ऐसा भी मौका था जब आस-पास से गुजरने वाले आपकी मदद कर सकते थे?

हां, जब पुलिस ने उन्हें पकड़ा, उससे ठीक पहले मैं स्टॉप लाइट पर रुकी थी। वहां पांच या छ: कार और दो बाइक थीं और मैं जोर-जोर से लगातार हॉर्न बजा रही थी। इसलिए नहीं कि मुझे किसी से मदद की उम्मीद थी। हर कोई इस विचित्र स्थिति को देख रहा था कि रेड लाइट स्टॉप पर एक गाड़ी मेरी कार की तरफ आने की कोशिश कर रही थी।

आरोपियों में से एक ने पीछे के दरवाजे से कब आपकी गाड़ी में आने की कोशिश की?

उसने पिछला दरवाजा खोलने की कोशिश की क्योंकि इसी दरवाजे के नजदीक वो पहुंच पा रहा था। वो अपनी एसयूवी से बाहर निकलकर मेरी कार की तरफ बढ़ रहा था और उस समय मैं गाड़ी रिवर्स कर रही थी, तभी वो पीछे के दरवाजे तक पहुंच गया।

आपने एफआईआर में बीजेपी नेता के लड़के का नाम लिखवाया। इसकी वजह से चीजें कितनी कठिन हो गईं?

मुझे नहीं पता कि इससे केस कठिन हो गया लेकिन मुझे पता है कि इसकी वजह से मदद मिली। हो सकता है इस केस की तरफ लोगों का इतना ध्यान नहीं जाता। सबको कहीं न कहीं समझ है कि जिस बैकग्रांउड से ये लोग थे, उन्होंने ये ना किया होता, जो उन्होंने किया। पुलिस ने कहा सीसीटीवी कैमरे काम नहीं कर रहे थे। शायद उस लड़के के बैकग्रांउड की वजह से ऐसा हो। फिर भी, इस पूरे मामले को मैं राजनीतिक मुद्दा नहीं बनानी चाहती।

क्या आप बात से परेशान हैं कि आपकी फोटो कथित आरोपी के साथ सोशल मीडिया पर फैलाई जा रही हैं। आप इसके लिए क्या एक्शन लेंगी?

जो मेरी फोटो फैलाई जा रही है वो दूसरे दोस्तों के साथ की है। कोई भी देख सकता है कि ये वो लड़के नहीं हैं। इस समय इस फोटो पर ध्यान देने की जरूरत नहीं है।

पुलिस का आपके प्रति कैसा व्यवहार रहा?

जब भी मैं उन तक पहुंची, उन्होंने मेरी मदद की। मेरी निजी राय है कि सीसीटीवी वाले मसले को छोड़कर पुलिस का व्यवहार ठीक रहा है।

आपको चिंता नहीं है कि दोनों आरोपी बेल पर हैं?

असल में नहीं। उनके बेल में बाहर होने से मुझे कोई चिंता नहीं है। ये खत्म नहीं हुआ है बल्कि ये शुरूआत है। कोई भी ठीक दिमाग का आदमी ये चीज नहीं दोहराएगा, जैसा उन्होंने किया। मुझे पता है जो मैं बोल रही हूं वो अभी अपरिपक्व लग सकता है।

आपको क्या लगता है, आपकी जिंदगी में  क्या बदलाव आएगा, जब मीडिया आस-पास नहीं होगा?

मैं पूरी कोशिश करूंगी कि मैं जैसे जीती आई थी वैसे ही जीने की कोशिश करूंगी। वो मुझे डराना चाहते हैं, और अगर मैं डर गई तो ये उनकी जीत होगी।

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