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आज अपना पांचवा और आखिरी बजट पेश करेंगी वसुंधरा राजे

राजस्थान की वसुंधरा राजे सरकार आज अपने कार्यकाल का आखिरी और पांचवा बजट पेश करेंगी। चुनावी साल होने के...
आज अपना पांचवा और आखिरी बजट पेश करेंगी वसुंधरा राजे

राजस्थान की वसुंधरा राजे सरकार आज अपने कार्यकाल का आखिरी और पांचवा बजट पेश करेंगी। चुनावी साल होने के कारण राज्य सरकार का पूरा बजट लोकलुभावना होने की संभावना है। इस बजट में कुछ दमदार घोषणाओं के साथ ही बेरोजगारों के लिए बंपर भर्तियां और नए जिलों की घोषणा संभव है।

बजट में सबसे ज्यादा जिस चीज पर ध्यान दिया जाना है, वह सड़क और रोजगार। इसके साथ ही, परमेश चंद्र कमेटी द्वारा प्रदेश में नए जिलों के लिए अपनी रिपोर्ट पेश की गई थी, जिसके आधार पर सरकार दो नए जिले बनाकर सबको चौंका सकती है। हालांकि, ब्यावर, शाहपुरा, डीडवाना, अनूपगढ़ सहित कई जिलों की मांग चल रही है।

संभावना है कि सरकार डीडवाना और ब्यावर को नया जिला बना सकती है। साथ ही साथ सरकारी विभागों में करीब एक लाख से ज्यादा रिक्त पड़े पदों पर भी भर्ती की घोषणा की जा सकती है। इस बजट में राज्य सरकार 70,000 से भी ज्यादा विभिन्न वर्गों में नौकरियों की घोषणा कर सकती है। साथ ही साथ राज्य के अर्जुन अवॉर्ड जीत चुके खिलाड़ी व अन्य खिलाड़ियों को नौकरी में सीधी भर्ती का ऐलान भी किया जा सकता  है।

किसानों की दृष्टि से देखा जाए तो फसल उत्पादन बढ़ाने के लिए किसानों को मिल रहे अब तक अनुदान का प्रतिशत में लाभार्थियों की संख्या भी बढ़ाई जा सकती है। साथ ही साथ जिन उत्पादों में न्यूनतम समर्थन मूल्य नहीं मिल रहा है, उनमें से कुछ के लिए बाजार निवेश के तहत नई स्कीम भी लागू की जा सकती है। हालांकि, कर्ज माफी की कोई योजना फलीभूत होगी, ऐसा सोचना भी अभी द्विस्वप्न होगा।

कारोबार की दृष्टि से राज्य में जीएसटी लागू होने के बाद राजस्थान निवेश नीति एक तरह ठप्प पड़ी है। दो साल पहले रिसर्जंट राजस्थान से 3.21 लाख करोड़ के निवेश की बात करने वाली सरकार को कुछ भी हाथ नहीं लगा है। इसे नए रूप में लागू करने की घोषणा भी राज्य सरकार द्वारा की जा सकती है। एमएसएमई सैक्टर के लिए भी कई सकारात्मक घोषणा होने की संभावना है।

स्वास्थ्य की दृष्टि से 2 दिन पहले ही नीति आयोग द्वारा जारी रिपोर्ट में राज्य का हेल्थ इंडेक्स काफी नेगेटिव रहा है। ऐसे में स्वास्थ्य बीमा योजना का दायरा बढ़ाकर राज्य सरकार 3 लाख से 5 लाख कर सकती है। मरीजों की बढ़ती परेशानियों को देखते हुए इस बजट में भामाशाह योजना में भी कुछ परिवर्तन की संभावना है।

7वें वेतन आयोग के बाद में राज्य के कर्मचारी काफी नाराज चल रहे हैं। वेतनमान से राज्य के कर्मचारियों ने बीते दिनों आंदोलन किए हैं। ऐसे में अब सरकार अपनी हार से सबक लेकर बजट में राज्य के लाखों कर्मचारियों को तोहफा दे सकती है। इसको दूर करने के लिए सरकार बजट में टाइम बाउंड प्रमोशन का गिफ्ट भी दे सकती है। महिला कर्मचारियों को लंबे समय से चली आ रही चाइल्ड केयर लीव मांग को भी इस बजट में पूरा किया जा सकता है।

महिलाओं की दृष्टि से देखा जाए तो यह बजट काफी महत्वपूर्ण है। बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ स्कीम में अब तक 14 जिलों में महिला शक्ति केंद्र खोले जाएंगे। यह महिलाओं से जुड़ी योजनाओं के लिए लिंक के रूप में काम करेंगे। राज्य सरकार अपने आखिरी बजट में महिलाओं को लुभाने में कोई कोर कसर नहीं छोड़ेगी।

वहीं, शिक्षा की बात करें तो राजस्थान में अभी बची हुई है 21 उपखण्डों में भी महाविद्यालय खोले जाने की प्रबल संभावना है। विभिन्न समितियों द्वारा संचालित इंजीनियरिंग कॉलेजों को भी सरकार अपने हाथ में ले सकती है। हालांकि, तीन साल पहले घोषित किए गए 7 मेडिकल कॉलेज अभी शुरू नहीं हो पाए हैं।

 

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