जिस गति से यहां पार्टी का काम जारी है उसकी समीक्षा बैठक आयोजित की गई। बैठक की प्रधानगी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष और सांसद असदुउद्दीन ओवैसी ने की। पार्टी सूत्रों का कहना है कि ओवैसी पश्चिमी उत्तर प्रदेश में तैयारियों को लेकर पैनी निगाह बनाए हुए हैं। इस मौके पर ओवैसी ने कार्यकर्ताओं को बूथ स्तर पर संगठन को मजबूत करने पर ध्यान देना देने के लिए कहा।
उत्तर प्रदेश के पार्टी सूत्र बताते हैं कि उत्तर प्रदेश सरकार पर हमला बोलते हुए ओवैसी ने कहा कि सरकार भाजपा और आरएसएस के साथ गुप्त समझौते के तहत काम कर रही है। समाजवादी पार्टी ने सत्ता में आने से पहले वादा किया था कि वह राज्य में मुसलमानों को 18फीसदी आरक्षण देगी लेकिन सरकार ने सिर्फ धोखा ही दिया है। इसलिए सरकार को बेनकाब करने के लिए मजलिस आगामी उपचुनाव में हिस्सा लेकर सरकार के चेहरे से झूठ और नाकामी के नकाब को उतार देगी। उन्होंने कहा कि प्रदेश के नौजवान मुख्यमंत्री अखिलेश यादव सिर्फ इस डर से दादरी नहीं गए कि उनकी कुर्सी ना चली जाए लेकिन समाजवादी पार्टी को मैं बताना चाहता हूं कि अब इन्हें कुर्सी दोबारा नसीब होने वाली नहीं है। क्योंकि मुसलमान दलित और शोषित समाज तय कर चुका है की इस सरकार को हर हाल में विदा करना है। कार्यक्रम के दौरान पश्चिमी उत्तर प्रदेश के अध्यक्ष आजाद सैफी ने असदुद्दीन ओवैसी को प्रतीक चिन्ह और शॉल पहनाकर उनका अभिनंदन किया कार्यक्रम मे 26 जिलों के पदाधिकारियों ने हिस्सा लिया। कार्यक्रम की अध्यक्षता प्रदेश अधयक्ष शौकत अली ने की।
इस बारे में अधिक जानकारी देते हुए पार्टी के पश्चिमी उत्तर प्रदेश के अध्यक्ष आजाद सैफी का कहना है कि पश्चिमी उत्तर प्रदेश में हर सियासी दल की ज्यादा गतिविधियों की वजह है कि इस इलाके में मुसलमानों की संख्या ज्यादा है। यहां देहात में किसानों की संख्या भी ज्यादा है। एक प्रकार से यहां किसी भी काम या वारदात का संदेश पूरे देश में जाता है। दूसरी ओर समाजवादी पार्टी युवजन सभा के प्रदेश सचिव शहजाद आलम बर्नी का कहना है कि उत्तर प्रदेश में मुसलमानों को जो बिजली देगा, सड़क देगा और रोजगार देगा, मुसलमान उसे ही वोट देगा। बर्नी का कहना है कि मुसलमानों का रूझान धर्मनिरपेक्ष पार्टी की ओर है क्योंकि वे अमन और चैन चाहते हैं न कि भड़काऊ भाषण।