उधर, भाजपा ने यह कहते हुए वीरभद्र के आरोपों को खारिज कर दिया कि यह सस्ती सहानुभूति पाने की कोशिश है। उसने कहा कि वीरभद्र अभी तक जेल जाने से बच रहे हैं लेकिन वह कभी भी जा सकते हैं। माना जाता है कि आमदनी से ज्यादा संपत्ति के मामले में प्रवर्तन निदेशालय की जांच का सामना कर रहे सिंह ने कांग्रेस प्रमुख को उनकी सरकार गिराने के मोदी सरकार के अनवरत प्रयासों की जानकारी दी।
वीरभद्र के करीबी सूत्रों ने बताया कि मुख्यमंत्री ने पहले सोनिया से मुलाकात का समय मांगा था, लेकिन तब मुलाकात नहीं हो पाई थी। अब यह मुलाकात हो रही है। वीरभद्र ने सोनिया के साथ उनके 10 जनपथ स्थित निवास पर कुछ मिनट की मुलाकात की और समझा जाता है कि अपने खिलाफ मामलों पर भी चर्चा की। वह बाद में शिमला रवाना हो गए।
उन्होंने आरोप लगाया कि मोदी सरकार एक-एक कर कांग्रेस शासित सरकारों को गिरा रही है और इस संबंध में अरुणाचल प्रदेश एवं उत्तराखंड की मिसाल दी। वीरभद्र ने भाजपा नीत केन्द्र सरकार पर यह भी आरोप लगाया कि वह उन्हें विभिन्न मामलों में फंसाने के लिए सरकारी एजेंसियों का दुरुपयोग कर रही है। उल्लेखनीय है कि 81 वर्षीय मुख्यमंत्री के खिलाफ प्रवर्तन निदेशालय ने आय से ज्यादा संपत्ति के सिलसिले में मामला दर्ज किया है और पिछले हफ्ते आठ करोड़ रुपये मूल्य की उनकी संपत्ति कुर्क की है।