उत्तराखंड में नैनीताल जिले के हल्द्वानी में भड़की हिंसा पर नैनीताल की जिला मजिस्ट्रेट वंदना सिंह ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर घटना के बारे में जानकारी दी। हल्द्वानी हिंसा की साजिश क्या पहले से रची गई थी? इस पर भी नैनीताल डीएम वंदना सिंह ने अपनी बात रखी है।
हल्द्वानी में हुई हिंसा पर डीएम वंदना सिंह ने कहा कि आसपास की छतों से पुलिस पर पथराव किया गया और पेट्रोल बम से वाहनों में आग लगाई गई। जब नोटिस दिया गया था तब पत्थ नहीं थे। सीसीटीवी से दंगाइयों की पहचान की जा रही है। डीएम ने प्रेस कांफ्रेंस के दौरान हिंसा के कुछ वीडियो दिखाए।
उन्होंने बताया कि पुलिस थाने के अंदर पुलिसवालों को जिंदा जलाने की कोशिश की गई। पुलिसवालों को थाने के अंदर से बाहर ही नहीं निकलने दिया गया। थाने के रिकॉर्ड रूम को भी जलाने की कोशिश की गई ताकि सारे रिकॉर्ड जला दिए जाएं।
डीएम वंदना सिंह ने यह दावा किया है कि ऐसा प्रतीत होता है कि हल्द्वानी हिंसा की योजना पहले से बनाई गई थी। उन्होंने कहा, हल्द्वानी हिंसा "पूर्व नियोजित" लगती है। पहले से ही पत्थरों को घरों में जमा किए गए थे। दंगाइयों ने पेट्रोल बमों का भी इस्तेमाल किया है। हालांकि इस पर जांच चल रही है।
डीएम नैनीताल वंदना सिंह ने प्रेस-कॉन्फ्रेंस में कहा, ''हाईकोर्ट के आदेश के बाद हलद्वानी में अलग-अलग जगहों पर अतिक्रमण के खिलाफ कार्रवाई की जा रही थी। सभी को नोटिस दिया गया और सुनवाई के लिए समय दिया गया...कुछ ने हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया, जबकि कुछ को समय दिया गया। कुछ को समय नहीं दिया गया। जहां समय नहीं दिया गया वहां पीडब्ल्यूडी और नगर निगम द्वारा विध्वंस अभियान चलाया गया। यह कोई अलग गतिविधि नहीं थी और किसी विशेष संपत्ति को टारगेट नहीं किया गया था...।"
बता दें कि हलद्वानी हिंसा प्रभावित बनभूलपुरा में अब-तक चार लोगों की मौत हो गई और 100 से अधिक पुलिसकर्मी घायल हुए हैं। हलद्वानी के बनभूलपुरा में हिंसा के बाद इंटरनेट सेवाएं बंद कर दी गईं। प्रशासन ने सभी स्कूल-कॉलेजों को भी बंद करने का आदेश दिया है। उत्तराखंड सरकार ने कहा है कि हल्द्वानी के बनभूलपुरा में हिंसा के बाद पूरे राज्य में हाई अलर्ट जारी किया गया है।