"चाचा जी बोरा खरीद लीजिए, हम मास्टर हैं चाचा जी।चाचा बोरा नहीं बिकेगा तो मेरा वेतन रूक जाएगा चाचा। बोरा खरीद लीजिए प्लीज। एमडीएम (मीड-डे मील) का बोरा, सरकार का बोरा...। " ये लाइन बिहार का एक सरकारी शिक्षक चलते सड़क पर दोहरा रहा है। माथे पर कुछ फटे-पुराने बोरे की गठरियां है, जिसे ये शिक्षक सरकार के फरमान के बाद बेचने और ना बिकने पर वेतन रोके जाने की बात कह रहा है। गर्दन में दो तख्तियां लटकी हुई है। जिस पर लिखा हुआ है, "मैं बिहार के सरकारी विद्यालय का शिक्षक हूं। सरकार के आदेश पर खाली बोरा बेच रहा हूं। बोरा ले लो। दस रूपए प्रति बोरा। एमडीएम का खाली बोरा।"
उदय शंकर नाम के एक यूजर ने कथित तौर पर बिहार के एक शिक्षक का वीडियो शेयर करते हुए लिखा है, "माननीय शिक्षा मंत्री विजय कुमार चौधरी जी क्या शिक्षकों को मिड डे मील का बोरा बेचने के लिए बहाल किया गया है। बहुत ही शर्मनाक बात है। बिहार का शिक्षक समाज इस तुगलकी फरमान का पुरजोर विरोध करता है।इस आदेश को वापस लें।"
माननीय शिक्षा मंत्री @VijayKChy जी क्या शिक्षकों को मिड डे मील का बोरा बेचने के लिए बहाल किया गया है।बहुत ही शर्मनाक बात है। बिहार का शिक्षक समाज इस तुगलकी फरमान का पुरजोर विरोध करता है।इस आदेश को वापस लें@BiharEducation_ @NitishKumar @News18Bihar @KashishBihar @yadavtejashwi pic.twitter.com/44dr4iZYD4
— uday shankar (TET TEACHER) (@UDAYSINGH25511) August 6, 2021
खबर के मुताबिक ये वीडियो कटिहार जिले का बताया जा रहा है। जहां एक सरकारी शिक्षक का विरोध का अलग तरीका दखने को मिला है। राज्य सरकार के मिड-डे मील विभाग द्वारा जारी आदेश के विरोध में एक शिक्षक ने चौराहे पर बोरा बेचना शुरू कर दिया। अब मामले के सोशल मीडिया पर तेजी से फैलने के बाद विभाग की तरफ से टीचर पर कार्रवाई करते हुए निलंबित कर दिया गया है।
दरअसल, मध्याह्न भोजन विभाग की तरफ से पिछले दिनों एक आदेश जारी किया गया था जिसमें भोजन के लिए आए अनाज के खाली बोरे को बेचकर पैसा जमा करने और विभाग के खाते में जमा करने का आदेश जारी किया था। इसी बात का ये सरकारी शिक्षक विरोध करने का ये तरीका अपनाया था, जो अब उन्हें महंगा पड़ गया है।