राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (एनडीएमए) ने मंगलवार को कहा कि सिलक्यारा सुरंग में 16 दिनों से फंसे 41 श्रमिकों को निकालने के लिए बचाव अभियान सफलता के करीब है। उन्होंने कहा कि श्रमिकों तक पहुंचने के लिए पाइप को दो मीटर और धकेलना होगा।
ऑगर ड्रिलिंग मशीन के टूटे हुए हिस्सों को मलबे से हटाने के बाद एक सीमित स्थान में हाथ से उपकरणों का इस्तेमाल करके ड्रिलिंग के अंतिम चरण को पूरा करने के लिए 12 ‘रैट-होल’ खनन विशेषज्ञों को बुलाया गया था।
बचाव कार्यों पर जानकारी देते हुए एनडीएमए के सदस्य लेफ्टिनेंट जनरल (सेवानिवृत्त) सैयद अता हसनैन ने संवाददाताओं से कहा कि 58 मीटर की ड्रिलिंग हो चुकी है तथा बचाव पाइप को फंसे हुए श्रमिकों की ओर दो मीटर और धकेला जाना है। उन्होंने कहा, ‘‘हम कामयाबी के करीब हैं, लेकिन अभी तक वहां नहीं पहुंचे हैं।’’ हसनैन ने कहा कि फंसे हुए श्रमिकों ने मशीन की आवाजें सुनी हैं।
उन्होंने कहा कि एक बार सफलता हासिल हो जाने के बाद सभी फंसे हुए श्रमिकों को बाहर निकालने में 3-4 घंटे लगेंगे। हसनैन ने कहा कि प्रत्येक श्रमिक को पाइप के माध्यम से एक पहिये वाले स्ट्रेचर पर बाहर खींचने में लगभग 3-5 मिनट लगेंगे। उन्होंने यह भी कहा कि ‘रैट-होल’ खनन विशेषज्ञों ने 24 घंटे से भी कम समय में 10 मीटर की खुदाई करके अभूतपूर्व काम किया।
हसनैन ने कहा कि सिलक्यारा सुरंग के अंदर फंसे श्रमिकों और बचाव कार्यों में लगे लोगों के लिए सभी सुरक्षा और सुरक्षा सावधानियां बरती जा रही हैं। उन्होंने कहा, ‘‘हम जल्दबाजी में नहीं हैं।’’
हसनैन ने यह भी कहा कि श्रमिकों को चिकित्सा सहायता प्रदान करने के लिए अतिरिक्त सुविधाएं मौजूद हैं। बचाव के बाद श्रमिकों को 48-72 घंटे तक चिकित्सकीय निगरानी में रखा जाएगा।