Advertisement

प.बंगाल: आरजी कर मामले में जूनियर डॉक्टरों ने ‘आमरण अनशन’ शुरू किया, रैली निकालेंगे

पश्चिम बंगाल सरकार द्वारा चिकित्सकों से काम पर लौटने का अनुरोध किए जाने के बावजूद, कनिष्ठ चिकित्सकों...
प.बंगाल: आरजी कर मामले में जूनियर डॉक्टरों ने ‘आमरण अनशन’ शुरू किया, रैली निकालेंगे

पश्चिम बंगाल सरकार द्वारा चिकित्सकों से काम पर लौटने का अनुरोध किए जाने के बावजूद, कनिष्ठ चिकित्सकों ने दुर्गा पूजा उत्सव के बीच लगातार चौथे दिन मंगलवार को अपना ‘आमरण अनशन’ जारी रखा।

आरजी कर अस्पताल में एक प्रशिक्षु चिकित्सक से बलात्कार एवं हत्या की घटना के विरोध में प्रदर्शन कर रहे कनिष्ठ चिकित्सकों के साथ एकजुटता दर्शाने के लिए करीब 15 वरिष्ठ चिकित्सकों ने प्रतीकात्मक अनशन किया।

वरिष्ठ चिकित्सकों ने मध्य कोलकाता के एस्प्लेनेड क्षेत्र में डोरीना क्रॉसिंग पर सुबह नौ बजे अनशन शुरू किया, जहां चिकित्सक शनिवार शाम से ‘आमरण अनशन’ कर रहे हैं। दुर्गा पूजा उत्सव की शुरुआत हो चुकी है और मंगलवार को ‘पंचमी’ है।

प्रदर्शनकारी कनिष्ठ चिकित्सकों ने कार्यस्थल पर सुरक्षा सहित अपनी मांगों को लेकर दबाव बनाने के लिए शाम साढ़े चार बजे कॉलेज स्क्वायर से एस्प्लेनेड तक रैली निकालने की भी योजना बनाई है।

कोलकाता मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल में डॉक्टर स्निग्धा हाजरा, डॉक्टर तनया पांजा और डॉक्टर अनुस्तुप मुखोपाध्याय, एसएसकेएम के अर्नब मुखोपाध्याय, एनआरएस मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल के पुलस्थ आचार्य और केपीसी मेडिकल कॉलेज की सायंतनी घोष हाजरा शनिवार शाम से आमरण अनशन पर हैं और रविवार को आरजी कर मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल के अनिकेत महतो भी उनके साथ शामिल हो गए।

कनिष्ठ चिकित्सकों से काम पर लौटने का अनुरोध करते हुए मुख्य सचिव मनोज पंत ने सोमवार को कहा था कि राज्य के मेडिकल कॉलेजों में जारी 90 प्रतिशत परियोजनाएं अगले महीने तक पूरी हो जाएंगी।

उन्होंने राज्य सचिवालय में कहा, ‘‘मैं हर किसी से काम पर लौटने और लोगों की सेवा करने का अनुरोध करता हूं। कुछ लोग पहले से ही ऐसा कर रहे हैं। हम सभी माहौल को बेहतर बनाने की दिशा में काम कर रहे हैं। वे (कनिष्ठ चिकित्सक) इस बात की सराहना करेंगे कि सरकार द्वारा किए गए वादों पर बहुत अच्छी प्रगति हुई है।’’

उन्होंने कहा, ‘‘मैं उन सभी से अनुरोध करूंगा कि वे अपनी ड्यूटी पर लौट आएं। वे सुरक्षित माहौल चाहते हैं और हम इस दिशा में काम कर रहे हैं। सभी का सकारात्मक इरादा है। जहां तक बड़े उद्देश्य की बात है, तो इस मामले में कोई मतभेद नहीं है।’’

कनिष्ठ चिकित्सकों ने चार अक्टूबर को अपना ‘‘पूर्ण काम रोको’’ अभियान वापस ले लिया था। चिकित्सकों के ‘‘काम रोको’’ अभियान के कारण सरकारी मेडिकल कॉलेजों और अस्पतालों में स्वास्थ्य सेवाएं प्रभावित हुई थीं।

अब आप हिंदी आउटलुक अपने मोबाइल पर भी पढ़ सकते हैं। डाउनलोड करें आउटलुक हिंदी एप गूगल प्ले स्टोर या एपल स्टोर से
Advertisement
Advertisement
Advertisement
  Close Ad