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प. बंगाल में चुनाव के बाद भी नहीं थम रही हिंसा, कूच बिहार में TMC नेता की हत्‍या, बीजेपी पर आरोप

लोकसभा चुनाव को खत्म हुए दो सप्ताह से भी अधिक हो गया है लेकिन पश्चिम बंगाल में फैली हिंसा खत्म होने का...
प. बंगाल में चुनाव के बाद भी नहीं थम रही हिंसा, कूच बिहार में TMC नेता की हत्‍या, बीजेपी पर आरोप

लोकसभा चुनाव को खत्म हुए दो सप्ताह से भी अधिक हो गया है लेकिन पश्चिम बंगाल में फैली हिंसा खत्म होने का नाम नहीं ले रही है। यहां एक बार फिर टीएमसी कार्यकर्ता की हत्या कर दी गई। कूचबिहार के दिनहाटा में तृणमूल कार्यकर्ता अजीजर रहमान की लोगों ने पीट पीटकर हत्या कर दी। हत्या का आरोप बीजेपी पर लगा है। 

बीजेपी पर हत्या का आरोप

परिवारवालों और स्‍थानीय टीएमसी नेता का आरोप है कि बीजेपी के एक नेता ने अपने समर्थकों के साथ मिलकर उसको पीट-पीटकर मार डाला। हालांकि बीजेपी ने आरोपों को खारिज करते हुए इसे आपसी लड़ाई का नतीजा बताया है। पुलिस ने इस मामले में छानबीन शुरू कर दी है।

बीजेपी और टीएमसी के कार्यकर्ताओं के बीच झड़प, TMC नेता की हत्‍या

दरअसल, बर्दवान में बुधवार शाम को बीजेपी और टीएमसी के कार्यकर्ताओं के बीच झड़प हो गई। दोनों तरफ के लोगों ने कई घरों और दुकानों में आग लगी दी। बताया जा रहा है कि चुनाव में बीजेपी की जीत के बाद बर्दवान में पार्टी कार्यकर्ता मिठाई बांट रहे थे, जिसे लेकर उनकी टीएमसी कार्यकर्ताओं से झड़प हो गई। बीजेपी नेताओं का आरोप है कि हिंसा ममता बनर्जी के कार्यकर्ताओं ने की।

दो दिनों के अंदर टीएमसी कार्यकर्ता की ये दूसरी हत्या

पिछले दो दिनों के अंदर टीएमसी कार्यकर्ता की ये दूसरी हत्या है। इससे पहले मंगलवार को दमदम में टीएमसी वर्कर निर्मल कुंडू की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। कुंडू के परिजनों के मुताबिक, तीन बदमाश बाइक पर सवार होकर आए थे और उन्होंने गोली मार दी। घायल अवस्था में उन्हें अस्पताल ले जाया गया, जहां डॉक्टर ने उन्हें मृत घोषित कर दिया। टीएमसी ने इस घटना के लिए बीजेपी को जिम्मेदार ठहराया है।

 

निश्चित नहीं कि तृणमूल कांग्रेस सरकार 2021 तक बनी रहेगी: विजयवर्गीय

 

बीजेपी के महासचिव कैलाश विजयवर्गीय ने मंगलवार को कहा था कि पश्चिम बंगाल की तृणमूल कांग्रेस सरकार अपना कार्यकाल शायद ही पूरा कर पाए। उन्होंने पार्टी कार्यकर्ताओं से अगले विधानसभा चुनावों से पहले खुद को एक ‘वैकल्पिक ताकत’ के तौर पर तैयार करने का अनुरोध किया। लोकसभा चुनावों के बाद निर्वाचित प्रतिनिधियों और प्रदेश कार्यालय पदाधिकारियों के साथ पहली बैठक को संबोधित करते हुए राज्य के बीजेपी प्रभारी विजयवर्गीय ने मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को ‘अहंकारी प्रशासक’ करार देते हुए उन्हें आड़े हाथ लिया।

 

विजयवर्गीय ने कहा, ‘हम नहीं जानते कि तृणमूल कांग्रेस सरकार 2021 तक बंगाल में बनी रहेगी या नहीं’। उन्होंने कहा, ‘हम यह चाहते हैं लेकिन हम निश्चित रूप से नहीं कह सकते कि वह ऐसा कर पाएगी क्योंकि जनता और पार्टी नेता सरकार के कामकाज से नाराज हैं।’ बंगाल की कुल 42 लोकसभा सीटों में से 18 पर बीजेपी को जीत मिली है। तृणमूल कांग्रेस ने 2014 में 34 सीटें जीती थी, लेकिन इस बार उसकी सीटें घटकर 22 रह गई हैं। विजयवर्गीय ने दावा किया कि लगातार दो बार सत्ता में आने के बावजूद तृणमूल कांग्रेस ने बंगाल के लोगों की सेवा का सुनहरा मौका गंवा दिया। उन्होंने कहा कि अहंकार के कारण बंगाल में तृणमूल कांग्रेस के बुरे दिन आए हैं।

 

विजयवर्गीय ने कहा कि यदि ममता बनर्जी की पार्टी विनम्र होती तो उसे ऐसी स्थिति का सामना नहीं करना पड़ता। उन्होंने कहा, ‘वे सत्ता सुख भोगने में इतने व्यस्त हो गए कि वे लोगों की सेवा करना ही भूल गए। उन्होंने आतंक का राज कायम कर दिया और लोग उनके खिलाफ वोट करने लगे। अब हमें राज्य में अगले विधानसभा चुनावों की तैयारी करनी चाहिए।’ ‘जय श्री राम’ के नारों पर ममता बनर्जी के भड़कने की आलोचना करते हुए विजयवर्गीय ने हैरत जताई और सवाल किया कि क्या बंगाल में यह नारा लगाना अपराध है।

 

उन्होंने कहा, ‘क्या बंगाल में ‘जय श्री राम’ का नारा लगाना अपराध है? यह अपराध क्यों है, हम चाहेंगे कि ममता बनर्जी और तृणमूल कांग्रेस के नेता इसे स्पष्ट करें।’ ममता बनर्जी के ‘जय हिंद’ और ‘जय बांग्ला’ नारों का जिक्र करते हुए विजयवर्गीय ने कहा कि उनकी पार्टी को इससे कोई समस्या नहीं है। उन्होंने कहा, ‘हमें इन नारों से कोई दिक्कत नहीं है, क्योंकि ‘जय हिंद’ और ‘वंदे मातरम’ तो हमारे स्वतंत्रता संघर्ष का अभिन्न हिस्सा रहे हैं।’

 

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