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मोदी का यह कैसा सहकारी संघवादः गोगोई

केंद्र पर अपने हमले जारी रखते हुए असम के मुख्यमंत्री तरुण गोगोई ने सोमवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर आरोप लगाया कि वह बांग्लादेश के साथ भूमि सीमा समझौते (एलबीए) के दायरे से असम को बाहर करने का प्रस्ताव कर राजनीतिक फायदे की खातिर दोहरा रवैया अपना रहे हैं।
मोदी का यह कैसा सहकारी संघवादः गोगोई

गोगोई ने यहां एक संवाददाता सम्मेलन में कहा, प्रधानमंत्री ने पिछले साल कहा था कि यह समझौता असम के लिए अच्छा है। अब आप इसे क्यों हटा रहे हैं? चुनाव से पहले आप कुछ बोलते हैं, चुनाव के बाद कुछ और ही बोलते हैं। यह छोटे-मोटे राजनीतिक फायदे के लिए दोहरा रवैया अपनाना है।

 

कांग्रेस नेता ने कहा कि एलबीए में किसी तरह के बदलाव का प्रस्ताव करने से पहले राज्य सरकार से विचार-विमर्श किया जाना चाहिए था। गोगोई ने कहा, वह (मोदी) सहकारी संघवाद की बात करते हैं। पर यह कैसा संघवाद है जहां संबंधित मुख्यमंत्री से बिल्कुल ही विचार-विमर्श नहीं किया जाए? हमारा रुख हमेशा से एक जैसा रहा है। हम अब भी मानते हैं कि यह असम के लिए अच्छा है और इससे बांग्लादेश से घुसपैठ को रोकने में मदद मिलेगी। पिछले साल 30 नवंबर को मोदी ने पार्टी कार्यकर्ताओं की एक रैली में कहा था कि केंद्र बांग्लादेश के साथ एलबीए की दिशा में आगे बढ़ेगा ताकि घुसपैठ के मसले का स्थायी समाधान निकले।

 

तब मोदी ने कहा था, मैं असम की समस्याएं जानता हूं। मैं आप सभी को आश्वस्त करता हूं कि असम की सुरक्षा से कोई समझौता नहीं होगा। स्थायी समाधान के लिए जमीन अदला-बदली की जाएगी। जमीन अदला-बदली करार को लेकर मैं असम के लोगों की भावनाएं समझता हूं। मैं आपको भरोसा दिलाता हूं कि हम भारत और असम के कल्याण को ध्यान में रखकर आगे बढ़ेंगे।

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