भारतीय जनता पार्टी के दिल्ली और उत्तर प्रदेश कार्यालय में जश्न का माहौल है। उत्साही कार्यकर्ताओं का कहना है कि यह जीत मोदी की जीत है। जिस तरह से भारतीय जनता पार्टी प्रचंड बहुमत की ओर बढ़ रही है उससे लग रहा है कि इस बार फिर मोदी सुनामी का कहर है। अब अगला यक्ष प्रश्न उत्तर प्रदेश में मुख्यमंत्री के नाम को लेकर है। केशव प्रसाद मौर्य के अलावा राजनाथ सिंह का नाम भी चल रहा है। हालांकि मोदी चौंकाने में यकीन रखते हैं। झारखंड में रघुवर दास और हरियाणा में मनोहर लाल खट्टर ऐसे ही नाम है। इससे लग रहा है कि मोदी किसी अनजान चेहरे को सामने ला सकते हैं। इतने बहुमत के बाद संभव है मोदी जातिगत समीकरण को पीछे रखें। योगी आदित्यनाथ शुरुआती दौर में मुख्यमंत्री पद की दौड़ में आगे थे, लेकिन लगता नहीं है कि उनकी अति हिंदूवादी छवि के चलते उन्हें यह कमान सौंपी जाएगी।
अभी चल रही चर्चाओं में लखनऊ के महापौर दिनेश शर्मा का नाम चल रहा है। माना जा रहा है कि उनकी बेदाग छवि, काम करने की क्षमता और पूर्वी-पश्चिमी उत्तर प्रदेश में समान रूप से स्वीकार्यता के चलते वह बाजी जीत सकते हैं। केंद्रीय मंत्री महेश शर्मा का नाम भी कुछ हलकों में चर्चा का विषय है लेकिन उन्हें पूर्वी उत्तर प्रदेश में स्वीकार्यता मिलेगी इसमें संदेह है।
एक्जिट पोल के बाद से ही भाजपा अपनी जीत के प्रति आश्वस्त थी। समाजवादी और कांग्रेस का गठबंधन भी मिल कर कोई कमाल नहीं कर सका। मायावती सिमट कर रह गई हैं।