कर्नाटक में अगले साल विधानसभा चुनाव होने हैं। भाजपा को रोकने के लिए कांग्रेस कन्नड़ अस्मिता की रणनीति को बढ़ावा देती दिख्ा रही है। मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने कहा है कि कर्नाटक में रहने वाले हर व्यक्ति को कन्नड़ सीखना चाहिए और ऐसा नहीं करना क्षेत्रीय भाषा के अनादर जैसा है।
वे राज्य की स्थापना दिवस के मौके पर बुधवार को एक कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे। सिद्धारमैया ने कहा, कर्नाटक में रहने वाला हर व्यक्ति कन्नड़ है। जो भी यहां रहता है उसे कन्नड़ सीखना चाहिए और अपने बच्चों को भी ऐसा करने के लिए प्रेरित करना चाहिए। मैं किसी भाषा के खिलाफ नहीं हूं। लेकिन यदि आप कन्नड़ नहीं सीखते हैं तो इसका मतलब है कि आप इस भाषा का अनादर कर रहे हैं।'
मुख्यमंत्री ने कहा कि कन्नड़ी अपनी भाषा से बहुत ज्यादा स्नेह करते हैं। कन्नड़ भाषा के संरक्षण पर जोर देते हुए उन्होंने कहा कि राज्य में कन्नड़ को सीखने लिए उचित माहौल बनाने की जरूरत है। सभी स्कूलों में कन्नड़ भाषा पढ़ानी चाहिए। सिद्धारमैया के मुताबिक कर्नाटक बीते 60 सालों में कन्नड़ को प्राथमिकता देने में सफल नहीं हो पाया है। यह पहला मौका नहीं है जब सिद्धारमैया ने कन्नड़ अस्मिता की बात की है। वे प्रदेश का अलग झंडा होने के मसले को भी उठा चुके हैं। मेट्रो में हिंदी भाषा के इस्तेमाल का भी विरोध कर चुके हैं।
उनका ताजा बयान ऐसे वक्त में आया है जब गुरुवार को भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह प्रदेश में 84 दिन की ‘यात्रा’ को हरी झंडी दिखाने वाले हैं। पूर्व मुख्यमंत्री बीएस येदियुरप्पा के नेतृत्व में यह यात्रा राज्य की सभी 224 विधानसभाओं से गुजरते हुए लगभग 7,500 किमी की दूरी तय करेगी।