Advertisement

महाकुंभ में बैन होंगे गैर सनातनी? अखाड़ा परिषद ने दुकानों के उर्दू नामों को लेकर सीएम योगी से की यह मांग

अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद ने बुधवार को कुंभ मेले में "गैर-सनातनी" लोगों को खाद्य स्टॉल लगाने की अनुमति...
महाकुंभ में बैन होंगे गैर सनातनी? अखाड़ा परिषद ने दुकानों के उर्दू नामों को लेकर सीएम योगी से की यह मांग

अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद ने बुधवार को कुंभ मेले में "गैर-सनातनी" लोगों को खाद्य स्टॉल लगाने की अनुमति नहीं देने तथा 'शाही स्नान' और 'पेशवाई' का नाम बदलकर 'राजसी स्नान' और 'छावनी प्रवेश' करने का ऐलान किया। 

परिषद ने कहा कि उसने उर्दू शब्दों में बदलाव का प्रस्ताव मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के समक्ष रखा है, जो जल्द ही इस मामले पर घोषणा करेंगे। संतों के संगठन ने कहा कि वह दिवाली के बाद खाद्य स्टालों के मानदंडों पर एक प्रस्ताव पारित करेगा और इसे मंजूरी के लिए मुख्यमंत्री को सौंपेगा।

इसमें कहा गया है कि वह कुंभ मेले में केवल 'सनातनी' कर्मचारियों और अधिकारियों की तैनाती की अनुमति देने के लिए एक प्रस्ताव भी पारित करेगी ताकि मेले की अखंडता बनी रहे।

अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के प्रमुख रवींद्र पुरी ने पीटीआई-भाषा को बताया, "प्रयागराज में निरंजनी अखाड़े की हाल में हुई बैठक में नाम बदलने का प्रस्ताव पारित किया गया है और मुख्यमंत्री को इसकी जानकारी दे दी गई है। वह जल्द ही इस संबंध में औपचारिक घोषणा कर सकते हैं।"

पिछले महीने मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव ने उज्जैन में महाकाल की सवारी को 'शाही सवारी' के बजाय 'राजसी सवारी' कहने की घोषणा की थी, जिसके बाद अखाड़ा परिषद ने भी उर्दू के बजाय हिंदी शब्दों के इस्तेमाल पर जोर दिया था।

अखाड़ों के साधुओं के स्नान को 'शाही स्नान' और अखाड़े के आश्रम से मेला क्षेत्र तक जुलूस को 'पेशवाई' कहा जाता है। यह परंपरा सदियों से चली आ रही है।

पुरी ने देश में विभिन्न स्थानों पर खाद्य पदार्थों में मिलावट की हाल की घटनाओं का हवाला देते हुए कुंभ मेले में अन्य धर्मों के लोगों द्वारा खाद्य स्टॉल लगाने का विरोध किया।

अखाड़ा परिषद प्रमुख ने कहा, "हाल ही में जूस में मूत्र मिलाने और खाने में थूकने जैसी कई घटनाएं सामने आई हैं। कुंभ मेले में सभी सनातनियां हिंदू होंगी। इसलिए अगर कोई चीजों को अपवित्र करके उन्हें खिलाता है तो इसे बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।"

पुरी ने कहा, "गैर-सनातनियों को मेले में खाद्य पदार्थो की दुकानें लगाने की अनुमति नहीं दी जाएगी। इसके लिए अखाड़ा परिषद दिवाली के बाद बैठक करेगी और एक प्रस्ताव पारित कर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को सौंपा जाएगा।"

उन्होंने कहा कि अखाड़ा परिषद यह भी चाहती है कि कुंभ मेला क्षेत्र में तैनात कर्मचारी और अधिकारी सनातनी हों, ताकि मेले की अखंडता बनी रहे।

उन्होंने कहा कि इस संबंध में एक प्रस्ताव भी पारित किया जाएगा। इस बीच, निकाय ने कुंभ में ऐसे पुलिसकर्मियों की ड्यूटी लगाने का फैसला किया है जो मांस और शराब का सेवन नहीं करते हैं।

वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक (कुंभ मेला) राजेश द्विवेदी ने कहा कि महाकुंभ एक धार्मिक पर्व है और जब पूरे मेला क्षेत्र में मांस और मदिरा का सेवन और बिक्री प्रतिबंधित है, तो पुलिसकर्मियों से भी अपेक्षा की जाती है कि वे इनका सेवन न करें।

द्विवेदी ने कहा कि पुलिसकर्मियों की पृष्ठभूमि की जांच के बाद उनकी तैनाती की जाएगी।

अखाड़ा परिषद में 13 प्रमुख अखाड़े हैं जिनमें निर्मोही, निर्वाणी, दिगंबर, महानिर्वाणी, अटल, बड़ा उदासीन, निर्मल, निरंजनी, जूना, आवाहन, आनंद, अग्नि और नया उदासीन शामिल हैं।

अब आप हिंदी आउटलुक अपने मोबाइल पर भी पढ़ सकते हैं। डाउनलोड करें आउटलुक हिंदी एप गूगल प्ले स्टोर या एपल स्टोर से
Advertisement
Advertisement
Advertisement
  Close Ad