विशेषज्ञों और विपक्षी राजनीतिक दलों द्वारा इस योजना की व्यावहारिकता पर सवाल उठाए जाने के बीच केजरीवाल ने कहा कि कुछ निजी वाहनों को छूट देने समेत कई चीजों को अभी देखना बाकी है और यह सिद्धांत रूप से लिया गया फैसला है जिस पर पूर्ण रूप से विचार किया जाएगा। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने दिल्ली में आयोजित एचटी लीडरशिप समिट में कहा, सिद्धांत रूप से, एक फैसला लिया गया है। बहुत सी चीजों पर अभी फैसला लेना बाकी है। हम कुछ समय के लिए इस पर प्रयोग करेंगे। हो सकता है कि 15 दिन के लिए। यदि बहुत समस्या पैदा होती है तो इसे रोक दिया जाएगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि उनकी सरकार की योजना थी कि सार्वजनिक परिवहन को मजबूत कर इसे पेश किया जाता लेकिन दिल्ली उच्च न्यायालय की टिप्पणी के बाद पैदा हुई दहशत के चलते यह बड़ा कदम उठाना पड़ा। अदालत ने कहा है कि शहर एक गैस चैम्बर बन गया है। उन्होंने कहा, एक प्रकार की एेसी दहशत पैदा की गई कि प्रदूषण इतना बढ़ गया है कि कोई बड़ा कदम उठाना पड़ेगा। शहर में वायु प्रदूषण पर नियंत्रण के लिए अतिवादी कदम उठाते हुए सरकार ने कल घोषणा की थी कि सम और विषम पंजीकरण नंबरों वाले निजी वाहनों को एक जनवरी से वैकल्पिक दिवस पर ही सड़कों पर चलाने की अनुमति दी जाएगी। आशंकाओं का समाधान निकालने का प्रयास करते हुए केजरीवाल ने कहा कि उनकी सरकार लोगों को परेशानी नहीं होने देगी।
मुख्यमंत्री केजरीवाल ने कहा कि वह सड़कों को नए सिरे से डिजाइन करने, कम से कम दस हजार बसों को लाकर सार्वजनिक परिवहन को दुरूस्त करने और बसों के लिए उपरगामी सड़कों का निर्माण करने जैसे कदम उठाने के बाद ही इस प्रकार का कदम उठाना चाहते थे। प्रदूषण पर नियंत्रण के लिए उनकी सरकार द्वारा उठाए गए कदमों की जानकारी देते हुए मुख्यमंत्री ने कल कहा था कि एक अप्रैल से लोक निर्माण विभाग की सभी सड़कों की वैक्यूम क्लीनर से सफाई की जाएगी तथा धूल को हटाने के लिए सड़कों के किनारे घास लगाई जाएगी। उन्होंने कहा कि विदेशों से वैक्यूम क्लीनर मंगवाने के लिए जल्द ही निविदाएं आमंत्रित की जाएंगी क्योंकि इस प्रकार के उपकरण यहां उपलब्ध नहीं हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि वर्ष 2017 से दिल्ली में यूरो 6 उत्सर्जन नियम लागू किए जाएंगे। उन्होंने कहा कि हालांकि केंद्र की योजना इसे वर्ष 2019 से लागू करने की है।