हालांकि, प्रदेश सरकार ने 38 वर्षीय व्हिसल ब्लोअर के इस आरोप को खारिज कर दिया कि मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने व्यापमं और डी मैट घोटालों के संबंध में उनके और उनके परिवार के खिलाफ अभियान बंद करने के एवज में उनका (राय) और उनकी पत्नी का तबादला आदेश निरस्त करने की पेशकश की थी।
मध्य प्रदेश उच्च न्यायालय की इंदौर पीठ में इन तबादलों को चुनौती देने वाली याचिका पर सुनवाई के दौरान महाधिवक्ता रवीशचंद्र अग्रवाल ने न्यायमूर्ति पी.के. जायसवाल और न्यायमूर्ति डी.के. पालीवाल को सरकार के फैसले की जानकारी दी। मामले में राय की ओर से पैरवी करने वाले वरिष्ठ वकील विवेक तन्खा ने संवाददाताओं को बताया, महाधिवक्ता ने युगल पीठ से कहा कि राय और उनकी पत्नी गौरी को नजदीकी धार जिले में स्थानांतरित करने का सरकारी आदेश निरस्त कर दिया गया है और इस दंपति को फिर से इंदौर में पदस्थ कर दिया गया है।
तन्खा ने बताया कि प्रदेश सरकार की ओर से अदालत के सामने यह भरोसा भी दिलाया गया कि राय दंपति के करीब दो माह के बकाया वेतन का भुगतान जल्द ही कर दिया जाएगा। राय ने इस मामले की सुनवाई के दौरान उच्च न्यायालय में दो सितंबर को हलफनामा पेश किया था। इसमें सनसनीखेज आरोप लगाया गया था कि मुख्यमंत्री ने 11 अगस्त की रात व्हिसल ब्लोअर से हुई मुलाकात के दौरान व्यापमं और डी मैट घोटालों के संबंध में उनके और उनके परिवार के खिलाफ अभियान बंद करने को कहा था और इसके बदले उनका (राय) और उनकी हमपेशा पत्नी का तबादला आदेश निस्स्त कर दोनों को फिर से इंदौर में पदस्थ करने की पेशकश की थी।
प्रदेश सरकार ने अदालत के आदेश पर इस हलफनामे पर आज अपना जवाबी शपथपत्र पेश किया। इस शपथपत्र में प्रदेश सरकार ने कहा, राय का यह कथन निराधार है कि मुख्यमंत्री ने उन्हें व्यापमं और डी मैट घोटालों के संबंध में उनके और उनके परिवार के खिलाफ मामले वापस लेने को कहा था। शपथ पत्र में यह भी कहा गया है कि 11 अगस्त की रात शिवराज और राय के बीच हुई मुलाकात का उनके और उनकी पत्नी के तबादले के मसले से कोई लेना-देना नहीं है।
राय, इंदौर के एक सरकारी प्रशिक्षण संस्थान में बतौर चिकित्सा अधिकारी पदस्थ थे। इस संस्थान से उनका अटैचमेंट खत्म कर उन्हें नजदीकी धार जिले में उनकी मूल पदस्थापना वाले अस्पताल भेजे जाने का आदेश जारी कर दिया गया था। उनकी पत्नी गौरी का तबादला पहले इंदौर से उज्जैन किया गया था। फिर उन्हें उज्जैन से धार स्थानांतरित कर दिया गया था। राय का आरोप है कि उन्होंने प्रदेश सरकार के मंत्रियों और रसूखदार भाजपा नेताओं के खिलाफ व्यापमं और डी मैट घोटालों के संबंध में जांच एजेंसियों को शिकायत की थी। इसलिए बदले की भावना से उनका और उनकी पत्नी का तबादला कर दिया गया।
गुप्त मुलाकात की खुफिया रिकॉर्डिंग अपने बचाव में की : राय
व्यापमं घोटाले के व्हिसल ब्लोअर डॉ. आनंद राय ने आज इस बात से इंकार किया कि उन्होंने अपने और अपनी हमपेशा पत्नी के तबादलों के मामले में प्रदेश सरकार को ब्लैकमेल करने के लिए मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान से पिछले महीने हुई गुप्त मुलाकात की खुफिया कैमरे से रिकॉर्डिंग की थी। राय ने यहां संवाददाताओं से कहा, मैंने यह खुफिया रिकॉर्डिंग प्रदेश सरकार को ब्लैकमेल करने के लिए नहीं, बल्कि अपने बचाव के लिए की थी। अगर प्रदेश सरकार शिवराज से मेरी मुलाकात की गुप-चुप रिकॉर्डिंग कर मुझे बदनाम करने के लिए इसके चुनिंदा अंश सार्वजनिक कर देती, तो मैं अपने बचाव में इस भेंट की असंपादित रिकॉर्डिंग पेश कर देता।
38 वर्षीय व्हिसल ब्लोअर का दावा है कि उन्होंने खुफिया कैमरे वाली घड़ी की मदद से इस गुप्त मुलाकात की रिकॉर्डिंग की थी, ताकि जरूरत पड़ने पर वह अपने बचाव में इसका इस्तेमाल कर सकें। उनके मुताबिक यह मुलाकात मुख्यमंत्री के भोपाल के श्यामला हिल्स स्थित सरकारी निवास में 11 अगस्त की रात 09:45 बजे शुरू होकर रात 10:50 बजे तक चली थी। इस खुफिया रिकॉर्डिंग के बारे में संवाददाताओं से राय की बातचीत के कुछ ही देर पहले प्रदेश सरकार की ओर से उच्च न्यायालय की इंदौर पीठ को यह जानकारी दी गई थी कि उनके (राय के) और उनकी पत्नी के तबादलों को वापस लेने का निर्णय किया गया है।
यह पूछे जाने पर कि क्या वह व्हिसल ब्लोअर की जिम्मेदारी निभाते हुए शिवराज के साथ हुई गुप्त मुलाकात की खुफिया रिकॉर्डिंग सार्वजनिक करेंगे, उन्होंने कहा, मैं फिलहाल इस रिकॉर्डिंग को सार्वजनिक नहीं करना चाहता, क्योंकि यह अनैतिक होगा। व्हिसल ब्लोअर ने कहा, प्रदेश सरकार ने मेरी और मेरी पत्नी का तबादला आदेश वापस लेकर एक तरह से अपनी गलती मान ली है। मैं व्यापमं घोटाले के खिलाफ अपनी लड़ाई पहले की तरह जारी रखूंगा।