भाजपा के वरिष्ठ नेता यशवंत सिन्हा को महाराष्ट्र के अकोला में आज शाम उस समय पुलिस ने हिरासत में ले लिया जब वह विदर्भ क्षेत्र के किसानों के प्रति सरकार की 'बेरुखी' का विरोध कर रहे थे। हालांकि बाद में उन्हें रिहा कर दिया गया।
मोदी सरकार की किसान विरोधी नीतियों और आर्थिक फैसलों का खुलकर विरोध करने वाले भाजपा नेता यशवंत सिन्हा सोमवार को विदर्भ के अकोला जिले में कपास उत्पादक किसानों के आंदोलन का नेतृत्व कर रहे थे।
अकोला के जिला पुलिस अधीक्षक राकेश कालासागर ने कहा, हमने बंबई पुलिस कानून की धारा 68 के प्रावधानों के तहत जिला कलेक्ट्रेट के बाहर करीब 250 किसानों के साथ सिन्हा को हिरासत में लिया। आईपीएस अधिकारी ने कहा कि हिरासत में लिए गए लोगों को अकोला जिला पुलिस मुख्यालय मैदान ले जाया गया। ये किसान अकोला जिला कलेक्टर के कार्यालय के बाहर कपास और सोयाबीन पैदा करने वाले किसानों के प्रति सरकार की कथित बेरुखी का विरोध कर रहे थे।
Maharashtra; Yashwant Sinha detained while leading a farmers' march in Akola, yesterday; later released. pic.twitter.com/nDzIRlpBhQ
— ANI (@ANI) December 5,
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, मुख्यालय के ग्राउंड में 5 घंटे से बैठाकर रखे गए सिन्हा ने ठिठुरती ठंडी से परेशान होकर पुलिस अधिकारी से कहा, 'हम इंसान हैं कि जानवर, हमें यहां बैठाकर रखे हो हमारा कोई इंतजाम नहीं किया। अगर पांच मिनट के भीतर हमारी व्यवस्था नहीं की तो पूरी पुलिस लाइन जला दूंगा।'
गौरतलब है कि पिछले काफी समय से यशवंत सिन्हा कड़े शब्दों में केंद्र सरकार और उसकी नीतियों को लेकर सवाल उठाते नजर आ रहे हैं। इसे लेकर भाजपा के अन्य वरिष्ठ नेता कड़ी प्रतिक्रिया दे चुके हैं, बावजूद इसके यशवंत सिन्हा लगातार पार्टी की आलोचना कर रहे हैं। वहीं, उनके इस रुख को देखते हुए कांग्रेस के नेता मणिशंकर अय्यर उन्हें विपक्ष में शामिल होने का ऑफर भी दे चुके हैं।