देश में बढ़ रहे कोरोना मामले को देखते हुए हर राज्य पूरी सख्ती के साथ पेश आ रहा है। इसी के मद्देनजर उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सोमवार को अधिकारियों को निर्देश दिया है कि जो लोग कोरोनो वायरस से संक्रमित होने और इसे जानबूझकर फैलाने को लेकर जानकारी छिपाते हैं। उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाए। इस बाबत राज्य के सभी जिला मजिस्ट्रेट और पुलिस अधीक्षकों को ग्रामीण इलाकों में हर घर और सभी धार्मिक स्थानों की अच्छी तरह से जांच करने के आदेश दिए गए हैं। एक अधिकारी के मुताबिक सीएम योगी ने कहा है कि यदि कोई अधिकारी इसमें कोताही करते हैं तो उनपर भी कार्रवाई की जाएगी।
पीलीभीत जिला में एक भी मामले नहीं
राज्य के एडिशनल चीफ सेक्रेटरी अश्विनी अवस्थी ने कहा कि सूबे के लगभग 85 प्रतिशत कोरोना मामले हॉटस्पॉट्स के घेरे में हैं। उन्होंने कहा कि अगर किसी व्यक्ति को छोड़ दिया जाता है तो यह मुश्किल हालात पैदा कर सकते हैं। आगे उन्होंने पीलीभीत जिला प्रशासन की सराहना की। अवस्थी ने कहा कि दो कोविड-19 मरीज के ठीक होने के बाद पीलीभीत राज्य का पहला कोरोनो मुक्त जिला बन गया है।
टेली-कंसल्टेंसी हेल्पलाइन नंबर जारी
एक अन्य अधिकारी के मुताबिक राज्य के अस्पतालों में आपातकालीन सेवाओं को फिर से शुरू करने के लिए स्वास्थ्य मंत्री के नेतृत्व में एक समिति का गठन किया गया है और यह समिति अपनी रिपोर्ट मुख्यमंत्री को सौंपेगी। प्रमुख सचिव अमित मोहन प्रसाद ने कहा, "हेल्पलाइन नंबर 18001805145 पर टेली-परामर्श की सुविधा सोमवार से शुरू हो गई है। जो सेवानिवृत्त डॉक्टर टेली-कंसल्टेंसी देने के लिए खुद को पंजीकृत करना चाहते हैं, वे कर सकते हैं।"
बता दें, अब तक उत्तर प्रदेश में 485 कोरोना वायरस के मामले सामने आ चुके हैं। जबकि 5 लोगों की मौत इस वायरस से हो चुकी है। राज्य का आगरा, गौतम बौद्ध नगर, लखनऊ, सहारनपुर और गाजियाबाद सबसे प्रभावित जिले हैं।